वाशिंगटन: अमेरिकी हिन्दुओं और सिखों ने वर्जीनिया में एक रैली के दौरान श्वेतों को सर्वश्रेष्ठ मानने वाले नस्लवादियों द्वारा की गई हिंसा की निंदा की है। इस हिंसा में एक महिला मारी गई है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी टिप्पणियों में लगातार इसके लिए दोनों पक्षों को जिम्मेदार ठहराया है। शेरलोट्सविले में रैली का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की भीड़ में कार घुस जाने से एक महिला की मौत हो गई और 19 अन्य घायल हो गए थे। (भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद ने पेश किया ट्रंप की निंदा करने वाला प्रस्ताव)
हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन एचएएफ ने एक बयान में कहा, शेरलोट्सविले में पिछले सप्ताहांत हमारे देश ने जो देखा वह हिंसक रूप से यह बताता है कि जब अंतर्निहित और स्पष्ट तौर पर हिंसा के साथ नफरत, असहिष्णुता, अलग-अलग विचारधाराओं की अभिव्यक्ति सामने आती है तो सहिष्णुता अपनी हद खो सकती है और ऐसे शब्दों तथा कार्वाईयों को स्वीकार नहीं करना चाहिए बल्कि इनकी निंदा करनी चाहिए।
एचएएफ ने एक बयान में कहा, अमेरिकी समाज में श्वेतों को सर्वश्रेष्ठ मानने वाले नस्लवादियों, श्वेत राष्ट्रवाद, यहूदी विरोधी भावना, नव नाजीवाद, कू क्लक्स क्लान या अग्यानता और कट्टरता से जुड़ी किसी तरह की विचारधारा की कोई जगह नहीं है। नेशनल सिख कैम्पेन के सह संस्थापक राजवंत सिंह ने कहा, शेरलोट्सविले में जो हुआ वह शर्मनाक और निंदनीय है।