वाशिंगटन: रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व सीनेटर लैरी प्रेस्लर ने सुझाव दिया है कि अमेरिका को भारतीय नौसेना को परमाणु हथियार संपन्न करवा कर चीन को एक स्तब्धकारी संदेश देना चाहिए और साथ ही उसे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपने वैमनस्यपूर्ण रूख से पीछे हटने के लिए मजबूर करना चाहिए। वर्ष 1979-96 तक सीनेट में दक्षिण डकोटा का प्रतिनिधित्व करने वाले लैरी प्रेस्लर ने अपनी नई किताब में भारतीय नौसेना की परमाणु क्षमता का निर्माण करने का सुझाव दिया है। (नॉर्थ कोरिया की अमेरिका को चेतावनी, यदि ऐसा किया तो करेंगे 'हृदय पर परमाणु हमला')
प्रेस्लर दो बार वियतनाम में युद्धक जिम्मेदारी निभाने के लिए तैनात किए गए थे और वियतनाम युद्ध में शामिल पहले सैन्य अधिकारी हैं जो सीनेटर चुने गए। किताब में उन्होंने लिखा कि फिलीपीन और वियतनाम के करीब विवादित दक्षिण चीन सागर के स्प्राटल द्वीप समूह में चीनी नौसेना अमेरिकी नौसेना के खिलाफ आक्रमक तेवर अपनाए है। यह द्वीप-समूह महत्वपूर्ण वायु एवं समुद्री मार्गों के बीच स्थित है। चीन फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताईवान के साथ क्षेत्र को लेकर विवाद में उलझा है।
प्रेस्लर ने कहा कि रणनीतिक महत्व के दक्षिण चीन सागर के समुद्री मार्गो तक आसान पहुंच अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं यात्रा के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा, इसके अतिरिक्त, वहां तेल और गैस के भंडार हैं। हम सचमुच चीन के साथ कोई नौसेनिक युद्ध नहीं चाहते। स्पार्टली द्वीप-समूह जैसे स्थान की रक्षा करना महंगा होगा। प्रेस्लर ने किताब में कहा, लेकिन हम भारतीय नौसेना को मजबूत कर चीन को एक स्तब्धकारी संदेश भेज सकते हैं। परमाणु हथियार दागने में सक्षम भारतीय नौसेना से चीन को बहुत चिंतित कर सकती है। वास्तव में, अगर हम भारतीय नौसेना को परमाणु हथियार संपन्न बनाएं तो चीन अपने वैमनस्यपूर्ण रुख से पीछे हट सकता है।