न्यूयार्क: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने प्योंगयांग द्वारा रिहा किए जाने के बाद दम तोड़ने वाले 22 वर्षीय अमेरिकी छात्र की मौत को लेकर उत्तर कोरिया पर निशाना साधते हुए कहा कि इस छात्र की स्मृतियां उत्तर कोरियाई शासन की तानाशाही की निर्दयी प्रकृति की ऐसी याद बन जाएगी, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। भारतीय मूल की अमेरिकी निकी हेली ने ओट्टो वार्मबियर की मौत पर जारी बयान में कहा, उत्तर कोरियाई अपराधियों के हाथों अनगिनत मासूम पुरूष और महिलाएं मारे गए हैं लेकिन ओट्टो वार्मबियर के मामले ने अमेरिकी लोगों के दिल को कुछ इस तरह छुआ है, जैसा किसी अन्य ने नहीं छुआ। (अमेरिका: भारतीय वाणिज्य दूतावास ने मनाया तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस)
वार्मबियर यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया का छात्र था और चीन की यात्रा के दौरान उत्तर कोरिया गया था। उसे जनवरी 2016 में प्योंगयांग हवाईअड्डे पर देश की अधिनायकवादी सरकार के खिलाफ शत्रुतापूर्ण कृत्य के आरोप में हिरासत में ले लिया गया था। यह आरोप दुष्प्रचार से जुड़ा पोस्टर चुराने की कोशिश करने पर लगाया गया था। वार्मबियर को पिछले सप्ताह जेल से रिहा किया गया था और कोमा की स्थिति में ही घर भेज दिया गया था। एक साल से अधिक समय से वह कोमा में था।
कल सिनसिनाती अस्पताल में उसका निधन हो गया था। हेली ने कहा कि वार्मबियर की यादें उसके परिवार को उसकी मौजूदगी का अहसास दिलाएंगी लेकिन ये यादें हमें उत्तर कोरिया की तानाशाही की निर्दयी प्रकृति की भी बार-बार याद दिलाएंगी।