अमेरिका ने अपने कारोबारी प्रतिद्वंदी चीन को करारा झटका दिया है। अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए सुपर कंप्यूटिंग क्षेत्र में काम करने वाले पांच चीनी कंपनी समूहों को कालीसूची में डाल दिया। अमेरिका के वाणिज्य विभाग ने शुक्रवार को इस कार्रवाई को अंजाम दिया। अमेरिका के वाणिज्य विभाग के इस कदम से अगले सप्ताह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग के बीच होने वाली बातचीत को मुश्किल खड़ी हो सकती है।
अमेरिका और चीन दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं व्यापार संबंधी विवादों से गुजर रही हैं। विवाद को सुलझाने के लिये ही दोनों देशों के प्रमुखों की बैठक हो रही है। इन पांच कंपनियों में सुपर कंप्यूटर बनाने वाली सुगोन भी शामिल है। यह मुख्य तौर पर अमेरिका की इंटेल, एनवीडिया और एडवांस माइक्रो डिवाइसेस जैसी कंपनियों के उपकरणों की आपूर्ति पर निर्भर करती है।
साथ में सुगोन की तीन अनुषंगी कंपनियों को भी कालीसूची में डाला गया है। इसके अलावा वुक्सी जियांगनन इंस्टीट्यूट ऑफ कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी को भी इस सूची में डाला गया है। वाणिज्य विभाग का कहना है कि इन समूहों की गतिविधियां अमेरिका की विदेशी नीति के हितों और राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ हैं। अमेरिका के मुताबिक सुगोन और वुक्सी पर चीन के सैन्य शोध संस्थान का मालिकाना हक है। यह चीन की सेना के आधुनिकीकरण में मदद करने वाले अगली पीढ़ी के बेहतर क्षमता वाले कंप्यूटिंग के विकास में संलग्न हैं।