वाशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद प्रवासियों में व्याप्त डर एवं चिंता को रेखांकित करते हुए ओबामा प्रशासन में कार्यरत भारतीय मूल की एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस बेचैनी को अपने घर के भीतर महसूस किया है। उन्होंने कहा कि उनके बच्चों ने उनसे पूछा था कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत का क्या यह अर्थ है कि हमें देश छोड़ना होगा।
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दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने कहा, देशभर में बहुत से समुदायों के बीच बहुत बेचैनी है। इनमें प्रवासी, अल्पसंख्यक, अमेरिका में कमजोर समुदायों के लोग, कम आय वाले लोग और भिन्न धर्म के प्रति आस्था रखने वाले लोग हैं। निशा ने चुनाव आयोजित होने के एक दिन बाद कहा कि उन्होंने इस डर को अपने घर के अंदर महसूस किया है।
निशा ने बताया, मेरे लिए यह बात हैरान करने वाली थी कि मेरे सात और नौ साल के छोटे बच्चों ने अभियान की भाषणबाजी को इतना करीब से देखा कि चुनाव के एक दिन बाद
उन्होंने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि क्या इसका मतलब यह है कि प्रवासी होने के कारण हमें देश छोड़ना होगा? उन्होंने कहा, और मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि वे अमेरिकी हैं। उनके पास यहां रहने का हर अधिकार है और यहां रहना उनका कर्तव्य है। उनका कर्तव्य है कि वे इस देश को आगे ले जाने वाले कामों का हिस्सा बनें। मैंने उन्हें एक बार फिर यकीन दिलाया कि यह देश उनका है, वे अमेरिका के मूल्यवान सदस्य हैं और उनका यहां स्वागत है।