वाशिंगटन: हाल ही में वरिष्ठ भारतीय अमेरिकी सांसद ने कहा है कि अमेरिका के नए शासकीय आदेश जिसमें ईराक को छोड़ कर छह मुस्लिम बहुल देशों के लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध हैं, अमेरिका को सुरक्षित नहीं बनाता। कैलिफोर्निया की सांसद कमला हैरिस ने कहा, कोई गलती मत करो, यह प्रतिबंध हमें सुरक्षित नहीं रखता। यह ऐसे समय में मुस्लिम समुदाय को अगल थलग करता है जब कि घर में बढ़ते आतंकवाद से मुकाबला करने की हमें जरूरत है। साथ ही अमेरिकी नागरिकों के जीवन को खतरे में डालता है। बदलाव का कोई महत्व नहीं है, यह शासकीय कार्रवाई अनैतिक और मूल रूप से अमेरिका विरोधी है।
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हैरिस पहली भारतीय अमेरिकी सीनेटर हैं जिन्हें हाउस ऑफ रीप्रजेंटेटिव्स के लिए चुना गया था। इसके बाद चार अन्य भारतीय अमेरिकी- एमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना और प्रमिला जयपाल निचले सदन में पहुंची थीं। हैरिस ने कहा, मैं ईराक को प्रतिबंधित देशों की सूची से बाहार किए जाने का स्वागत करती हूं, साथ ही राष्ट्रपति का कर्तव्य है कि वह यह साक्ष्य उपलब्ध कराएं की बाकी बचे छह देशों के आव्रजकों और शरणार्थियों की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा को किस प्रकार से खतरा है।
वहीं जयपाल ने कहा, अपने नए शासकीय आदेश में ट्रंप को यह मानने के लिए बाध्य किया गया है कि उनका यात्रा प्रतिबंध आदेश असंवैधानिक है। उन्होंने कहा, नया आदेश यह मानता है कि हमें ऐसे लोगों के वीजा को मान्यता देना होगा जिन्हे अमेरिका में आने की अनुमति पूर्व में मिल चुकी है, साथ ही प्रतिबंध से प्रभावित कानून स्थाई निवासियों और दोहरी नागरिकता वाले नागरिकों को बाहर रखता है। उन्होंने कहा कि देश को अराजक स्थिति में डालने और लाखों परिवारों के दिलों में भय पैदा कर राष्ट्रपति ने बेहद गैरजिम्मेदारी का परिचय दिया। एमी बेरा ने कहा कि लोगों के प्रवेश प्रतिबंध वाला आदेश राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाता नहीं हैं बल्कि इसके ठीक उलट काम करता है। अन्य सांसदों ने भी अपने सहयोगियों के रख का समर्थन किया है।