वाशिंगटन: व्हाइट हाउस ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर हुए साइबर हमले का असर अमेरिका पर उतना अधिक नहीं पड़ा है, जितना कुछ अन्य देशों में पड़ा है। व्हाइट हाउस के अनुसार, इस साइबर हमले के चलते 70 हजार डॉलर से भी कम की ही फिरौती दी गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति के गृह सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने के मामलों के सहायक टॉम बोसर्ट ने कहा, अमेरिका में इसके असर की दर दुनिया के कई अन्य हिस्सों की तुलना में कम रही है लेकिन हमें अतिरिक्त नेटवर्कों पर भारी असर देखने को मिल सकता है क्योंकि ये मालवेयर हमले अपना रूप बदलते हैं। (जब तक बशर अल-असद सत्ता में हैं, तब तक सीरिया में स्थिरता नहीं आ सकती)
व्हाइट हाउस के दैनिक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, धन उगाहने के लिए अंजाम दी गई आपराधिक गतिविधि प्रतीत होने के बावजूद ऐसा लगता है कि फिरौती के तौर पर 70 हजार डॉलर से कम की राशि दी गई है और हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि यह भुगतान करने से कोई डेटा वापस हासिल हुआ है या नहीं। बोसर्ट ने कहा, साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस इंटीग्रेशन सेंटर भी हमलों की जांच को ध्यान में रखते हुए विभिन्न निष्कर्षों के बारे में हमें जानकारी दे रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन इस स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है और अमेरिकी सरकार इस मुद्दे से उबरने के लिए हर क्षमता को एकजुट कर रहा है। इसके साथ-साथ वह निजी क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ ही समय पहले ब्रिटेन में अपने समकक्ष से बात की और मुझे उनसे यह जानकारी मिली कि उन्हें इस रैनसमवेयर घटना पर काबू कर लेने का अहसास हो रहा है। उन्होंने कहा, हमारी तरह उन्हें भी यह अहसास है कि यह एक वैश्विक हमला है। आज सुबह इससे प्रभावित देशों की संख्या 150 हो गई और इससे प्रभावित मशीनों की संख्या तीन लाख से ज्यादा है। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि अच्छी खबर यह है कि इसके संक्रमण की दर सप्ताहांत पर कम हो गई है। पिछली बार जब हमने बात की थी, तब इसके बारे में बहुत चिंतित थे।