वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टीना कोच और जेसिका मीर ने शुक्रवार को एक साथ ‘स्पेसवाक’ कर इतिहास रच दिया। आधी सदी में करीब 450 ‘स्पेसवॉक’ में ऐसा पहली बार हुआ, जब केवल महिलाएं ही अंतरिक्ष में चहल-कदमी कर रही थीं और उनके साथ कोई पुरुष अंतरिक्ष यात्री नहीं था। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) के ऊर्जा नियंत्रक को बदलने के लिए दोनों महिला अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय समयानुसार सुबह 11 बजकर 38 मिनट पर इससे बाहर निकलीं।
अंतरिक्ष यान के संप्रेषक स्टीफन विल्सन ने कहा, ‘क्रिस्टीना, तुम इस एयरलॉक को हटा सकती हो’।’’ दोनों महिला अंतरिक्ष यात्रियों ने मिशन की शुरुआत अपने अंतरिक्ष सूट और सुरक्षा रस्सी की जांच से की। मिशन से कुछ मिनट पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के प्रशासक जिम ब्रिडेस्टीन ने पत्रकारों के समाने इस मिशन के सांकेतिक महत्व को रेखांकित किया।
जिम ने कहा, ‘‘ हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अंतरिक्ष सभी लोगों के लिए उपलब्ध है तथा उस विकास क्रम में यह एक और मील का पत्थर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी 11 साल की बेटी है, मैं उसे उतने ही मौके मिलते देखना चाहता हूं जितने मुझे बड़े होने के दौरान मिले थे।’’
उल्लेखनीय है कि इस मिशन को इस साल मार्च में ही पूरा करना था लेकिन नासा को यह स्थगित करना पड़ा क्योंकि उसके पास मध्यम आकार का एक ही अंतरिक्ष सूट था और जरूरी काम बाद के दिनों में एक पुरूष-महिला की जोड़ी करती थी। माना जा रहा है कि पारंपरिक रूप से पुरुष प्रभुत्व वाले नासा की तैयारियों में कमी की वजह यह देरी हुई, जो संस्था में लैंगिक भेदभाव का उदाहरण है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियर कोच ने मीर का नेतृत्व किया।
मीर समुद्री जीव विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि रखती हैं और यह उनका पहला स्पेसवाक है। दोनों यात्री अंतरिक्ष केंद्र की खराब हो चुकी बैटरी चार्ज और डिचार्ज यूनिट को बदलने के लिए स्पेसवाक कर रही हैं जिसे बीसीडीयू इकाई भी कहते हैं। अंतरिक्ष केंद्र सौर ऊर्जा पर निर्भर है लेकिन कक्षा में जहां सूर्य की रोशनी सीधी नहीं पड़ती वहां बैटरी की जरूरत होती है और बीसीडीयू चार्ज की मात्रा को नियंत्रित करता है। मौजूदा मरम्मत कार्य की घोषणा सोमवार को की गई थी।
यह पुराने पड़ चुके निकल हाइड्रोजन बैटरीज को उच्च क्षमता की लिथियम आयन बैटरीज से बदलने की वृहद मिशन का हिस्सा है। अमेरिका ने 1983 में अपनी पहली महिला अंतरिक्ष यात्री को भेजा था। उस समय सैली राइड सातवें स्पेस शटल मिशन के तहत अंतरिक्ष में गई थीं और अब किसी भी देश के मुकाबले अमेरिका की सबसे अधिक महिला अंतरिक्ष में जा चुकी हैं। हालांकि, पहली महिला अंतरिक्ष यात्री सोवियत संघ की वेलेंटीना तेरेश्कोवा हैं जिन्होंने 1963 में यह मुकाम हासिल किया था।