वाशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष सीनेटर ने भारत को अत्याधुनिक ड्रोन बेचे जाने की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच यह अगला महत्वपूर्ण रक्षा सहयोग होने जा रहा है।
डेमोक्रेट सीनेटर मार्क वार्नर और सीनेट में उनके रिपब्लिकन सहकर्मी डैन सुलिवन ने वाशिंगटन में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि इससे पहले के ओबामा प्रशासन और अमेरिकी कांग्रेस ने भारत को एक महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी का दर्जा दिया था, जो भारत-अमेरिका संबंध को अगले स्तर पर ले जाने की दिशा में एक अहम कदम है।
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बहरहाल, दोनों सांसद एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत-अमेरिका सहयोग पर दृढ़ रहे, लेकिन जब बात सीमा पार से आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान में आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों के संबंध में भारत के हित की आई, तो इस मुद्दे पर दोनों थोड़े नरम दिखाई दिए। सीनेटर सुलिवन ने दलील दी कि भारत और अमेरिका साझा हित के क्षेत्र में संयुक्त सैन्य सहयोग कर सकते हैं।
सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष और शक्तिशाली सीनेट सेलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस के शीर्षस्थ सदस्य वार्नर ने भारत को अत्याधुनिक ड्रोन बेचे जाने के संबंध में अमेरिकी के रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की नौकरशाही पर नाखुशी जतायी। भारत ने समुद्र निगरानी विशेषकर हिंद महासागर के लिये काफी संख्या में अत्याधुनिक ड्रोन खरीदने का अनुरोध किया था।
वार्नर ने कहा, अत्याधुनिक ड्रोन बेचने के मामले में रक्षा एवं विदेश मंत्रायल के रवैये से मैं नाखुश हूं। यह रक्षा सहयोग का अगला महत्वपूर्ण कदम है। अमेरिका के शीर्ष थिंक टैंक विड्रो विल्सन सेंटर में सुलिवन ने अपनी टिप्पणी में कहा, असल में यह (प्रमुख रक्षा सहयोगी) का दर्जा भारत के लिये खास है। इस विचार को वाकई में संस्थ्रगत रूप देना है। पाकिस्तान को लेकर पूछे गये एक सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए वार्नर ने कहा कि खुफिया क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच बेहद मजबूत संबंध हैं, हालांकि ना केवल कश्मीर में अशांति बल्कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठनों को लेकर पाकिस्तान की भूमिका भारी चिंता का विषय है।
वार्नर ने कहा कि पाकिस्तान के यह हित में होगा कि वह विभिन्न आतंकवादी समूहों के बीच भेद नहीं करे। भारत की धैर्य की प्रशंसा करते हुए वार्नर ने कहा कि भारत आज उस स्थिति तक पहुंच गया है जहां से वह खुद को एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय सहयोगी के तौर पर देखता है। उन्होंने कहा, मैं एक सख्त संदेश देना चाहता हूं कि पाकिस्तान दो तरह की भूमिका नहीं निभा सकता है, एक तरफ वह आतंकवादी समूहों को समर्थन दे और दूसरी तरफ अन्य के खिलाफ कार्रवाई करे। सुलिवन ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच हमेशा साझा हित के क्षेत्र रहे हैं।