संयुक्त राष्ट्र: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को दुनिया के सभी देशों से घरों की आस लगाए शरणार्थियों के लिए अपने दिल खोलने और अधिक मदद करने का आग्रह किया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान अपने अंतिम भाषण में ओबामा ने कहा, "हम सभी को समझना चाहिए कि जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए हम अगर तैयार हैं, तो हमारी दुनिया अधिक सुरक्षित है।"
ओबामा शरणार्थियों की मदद के लिए नई वैश्विक प्रतिबद्धताओं को प्रेरित करने के प्रयास में यूएनजीए के समापन के दौरान वैश्विक शरणार्थी संकट पर एक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे।
इशारों-इशारों में ओबामा ने पाकिस्तान को चेताया, चरमपंथ पर जतायी चिंता
ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र में कहा, कोई बाहरी शक्ति विभिन्न धार्मिक समुदायों को या जातीय समुदायों को लंबे समय तक सह अस्तित्व रखने के लिए सक्षम होने के लिए मजबूर करने नहीं जा रही। उन्होंने चेतावनी दी कि समुदायों के सह अस्तित्व के बारे में बुनियादी सवालों का जवाब दिए जाने तक चरमपंथ के अंगारे जलते रहेंगे। अनगिनत मानव पीडि़त होंगे और चरमपंथ बाहरी देशों तक फैलता रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर जोर देना होगा कि सभी पक्ष एक साझा मानवता को मान्यता दें और अव्यवस्था को तूल देने वाले परोक्ष युद्धों को देश खत्म करें।
भारत ने पाकिस्तान पर जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को समर्थन देकर, सशस्त्र करने और प्रशिक्षण देकर एक परोक्ष युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है। ये संगठन सीमा पार से भारत की सरजमीं पर हमले करते हैं। ओबामा का बयान अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी की टिप्पणी के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा था कि वह आतंकवादियों को अपनी सरजमीं का सुरक्षित पनाहगाह के तौर पर इस्तेमाल करने से रोकें।