न्यूयार्क। अमेरिका में नागरिकों को कोरोना की वैक्सीन देने का अभियान तेजी से चल रहा है और अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका में सभी व्यस्क नागरिकों को पहली मई से पहले वैक्सीन दे दी जाएगी। जो बाइडेन ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि सत्ता में आने पर पहले 100 दिन में वे 10 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगवा देंगे और वे अब इस लक्ष्य को 60 दिन में पूरा करने जा रहे हैं। जो बाइडेन ने अमेरिका के सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि पहली मई तक देश के सभी व्यस्कों को वैक्सीन का टीका लगवा दिया जाए।
अमेरिका में अबतक 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन का टीका लग चुका है और रोजाना वहां पर लगभग 20 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। भारत दूसरे स्थान पर है जहां पर 2.56 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा चुका है, भारत में भी रोजाना वैक्सिनेशन 20 लाख तक पहुंच गया है। भारत में अमेरिका से करीब एक महीने के बाद कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण शुरू हुआ था।
अमेरिका में फिलहाल वैक्सिनेशन के लिए 3 वैक्सीन को मंजूरी मिली हुई है, फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को अमेरिका ने टीकाकरण की अनुमति दी है और इन्हीं वैक्सीन के जरिए लोगों को कोरोना से सुरक्षित किया जा रहा है। भारत में फिलहाल 2 वैक्सीन को मंजूरी मिली हुई है, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन तथा सीरम इंस्टिड्यूट की कोवीशील्ड वैक्सीन को भारत में मंजूरी मिली हुई है। कोवैक्सीन पूरी तरह से भारत में खोजी और बनाई गई वैक्सीन है जबकि कोवीशील्ड की रिसर्च का काम ऑक्स्फोर्ड ने किया है और इसका उत्पादन भारत के सीरम इंस्टिट्यूट की तरफ से किया जा रहा है।
दुनियाभर में भारत के पास ही सबसे ज्यादा वैक्सीन बनाने की क्षमता है और भारत में तेजी से दोनों वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है। भारत में बन रही वैक्सीन भारतीयों को तो मिल ही रही है साथ में दुनिया के अन्य देशों को भी तेजी से सप्लाई की जा रही है। अबतक दुनियाभर के लगभग 60 देशों को भारतीय वैक्सीन मिल चुकी है।