संयुक्त राष्ट्र: अलेप्पो में सीरियाई और रूसी विमानों की भारी बमबारी के चलते शहर में लगातार वीभत्स होती स्थिति के मद्देनजर अमेरिका ने रूस पर बर्बरता दिखाने का आरोप लगाया है। इस बमबारी को सीरिया में पांच साल से चल रहे युद्ध की सबसे भारी बमबारी बताया जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में यह मांग की गई थी कि रूस अपने सहयोगी यानी सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद पर लगाम लगाए और भीषण हवाई हमले रोक दे। रूस और सीरिया पर बार-बार युद्ध अपराधों के आरोप लगते रहे हैं।
अमेरिकी राजदूत समांथा पावर ने रविवार के सत्र में कहा, जो काम रूस कर रहा है या जिसे वह बढ़ावा दे रहा है, वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई नहीं है। यह बर्बरता है।
गुरूवार को सेना ने विद्रोहियों के कब्जे वाले पूर्वी अलेप्पो को वापस अपने अधिकार में लेने के लिए एक अभियान शुरू किया था। इसके बाद इस क्षेत्र के आवासीय इलाकों में बंकर उड़ा देने वाले बम गिराए गए और आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान लगभग 124 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर आम नागरिक थे।
ब्रितानी राजदूत मैथ्यू रेक्रौफ्ट ने कहा, यह इंकार करना मुश्किल है कि रूस युद्ध अपराधों को अंजाम देने के लिए सीरियाई शासन के साथ साझेदारी कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि उच्च प्रौद्योगिकी वाले हथियारों ने पहले से युद्ध की मार झेल रहे सीरियाई लोगों के लिए एक नए नरक की स्थिति पैदा कर दी।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून ने यह चेतावनी भी दी थी कि यदि नागरिकों के खिलाफ आधुनिक हथियारांे का इस्तेमाल किया गया, तो उसे युद्ध अपराध माना जाएगा। फ्रांस के राजदूत फ्रांस्वा डेलातरे ने कहा कि अत्याचार करने वाले सजा से बचने नहीं चाहिए।
सप्ताहांत पर अमेरिकी-रूसी संघर्षविराम संधि को बचाने के लिए किए जा रहे राजनयिक प्रयासों के विफल हो जाने के बाद ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने आपात वार्ताआंे का आह्वान किया था।