सीरिया में इराक़ी सेना से लड़ने के लिए लाखों आतंकी और 3000 बच्चों को भर्ती करने वाले अल क़ायदा के एक वरिष्ठ आतंकी ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत का जश्न मनाया। अब्दुल्लाह अल- मुहायसिनी ने कई ट्वीट कर ट्रंप की जीत को अल क़ायदा के लिए एक 'महत्वपूर्ण क़दम' बताया।
मुहायसिनी ने एक ट्वीट में कहा: 'मेरे नज़रिये से ट्रंप की जीत सुन्नी (मुसलमान) की जीत की तरफ़ एक महत्वपूर्ण क़दम है।' इस अल क़ायदा नेता ने कहा कि उसे नहीं लगता कि अमेरिकी नीति में कोई ख़ास बदलाव आएगा लेकिन अमेरिका का लड़ाई लड़ने का तरीका बदल गया है। वह अब गुप्त रुप की बजाय खुलकर लड़ रहा है।
'ये अच्छा है...ओबामा युद्ध को लक्ष्य बनाकर मुख्यालयों को निशाना बनाते थे। ट्रंप युद्ध से होने वाले फ़ायदे पर निर्भर करेंगे...ट्रंप की जीत ख़ूनी जंग और कोहराम की तरफ़ एक पहल हो सकती है।'
मुहायसिनी ने कहा कि सुन्नियों को कोई घाटा नहीं होने वाला क्योंकि वे तो पहले ही रसातल में पहुंच चुके हैं, उनके पास खोने को कुछ नही है। आतंकी गुट ने ट्रंप की जीत के फ़ायदे गिनाते हुए कहा कि ओबमा अमेरिका के अंदरुहनी मामलों में सामन्जस्य और नियंत्रण पर निर्भर करते थे लेकिन ट्रंप ओबामा की नीतियों का बहिष्कार करेंगे, उसे ख़त्म करेंगे...अल्लाह दोनों की दूरियों को ऐर बढ़ाए।
न्यूयॉर्क टाइम्स की मिडिल ईस्ट संवाददाता रुकमिनी कालीमाछी के अनुसार, 'ISIS की तरह अल क़ायदा का भी तर्क है कि मिडिल ईस्ट में अमेरिकी घुसपैठ आतंकवाद पर नहीं बल्कि इस्लाम पर हमला है। ओबमा प्रशासन ने इस तर्क का हमेशा इस तर्क को ग़लत बताया है और कहा है कि ये युद्ध किसी धर्म के ख़िलाफ़ नही है।