वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्राइल के साथ शांति समझौते की इच्छा नहीं दिखाने पर फलस्तीन को दी जाने वाली सहायता को रोकने की धमकी दी है। ट्रंप ने ट्वीट करके कहा, ‘‘हम फलस्तीन को प्रत्येक वर्ष करोड़ों डॉलर देते हैं और बदले में हमें कोई आदर या प्रसंशा नहीं मिलती। वे इस्राइल के साथ लंबित शांति समझौता पर बात तक करने के लिए राजी नहीं है।’’ (अमेरिका में कौन सी मीडिया है सबसे ज्यादा 'भ्रष्ट', ट्रंप करेंगे फैसला )
उन्होंने कहा, ‘‘हमनें वार्ता के सबसे कठिन हिस्से येरुशलम को बातचीत की मेज से अलग कर दिया, इस्राइल को इसके लिये ज्यादा कीमत चुकानी होगी। लेकिन फलस्तीन के शांति वार्ता के लिए राजी नहीं होने की सूरत में क्यों हम उन्हें भविष्य में इस तरह के भारी भुगतान करें।’’ संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने इससे पहले दिन में कहा था कि यदि फलस्तीन शांति समझौते से इनकार करता रहा तो अमेरिका सहायता में कटौती करेगा।
निक्की ने न्यूयॉर्क में संरा मुख्यालय में कहा, ‘‘मेरा मानना है कि राष्ट्रपति ने मूल रूप से यह कहा है कि जब तक फलस्तीन शांति वार्ता के लिए राजी नहीं हो जाता वह कोई अतिरिक्त धन नहीं देना चाहते या सहायता को रोकना चाहते हैं।’’ फलस्तीन को मिलने वाली अमेरिकी सहायता का मकसद कांग्रेस के हित वाली कम से कम तीन अमेरिकी नीतियों का प्रचार प्रसार करना है।