वाशिंगटन. अफगानिस्तान में लगातार बिगड़ते हालातों के बीच अमेरिकी लोगों ने ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के फैसले पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। अफगानिस्तान में हजारों अमेरिकी फंसे हुए हैं और अमेरिका ने वहां से अपनी सेना हटा ली है। अब सिर्फ काबुल एयरपोर्ट पर ही अमेरिकी सेना का नियंत्रण है। हालांकि अभी भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने फैसले को सही ठहरा रहे हैं। जो बाइडेन ने कहा कि इतिहास इसे "तार्किक, तर्कसंगत और सही निर्णय" के रूप में दर्ज करेगा। व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इतिहास में इस फैसले को तार्किक, तर्कसंगत और सही माना जाएगा।"
अमेरिका की वरिष्ठ नेताओं में से एक निक्की हेली ने बाइडेन सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, "उन्होंने (अमेरिकी प्रशासन) अमेरिकी लोगों को तालिबान के हवाले कर कर दिया है और अमेरिकी लोगों को वापस लेने से पहले हमारे सैनिकों को वापस बुला लिया है। उन्होंने हमारे अफगान सहयोगियों को वहीं छोड़ दिया है। तालिबान से कोई बातचीत, कोई समझौता नहीं हुआ। यह पूरी तरह से एक सरेंडर है और शर्मनाक विफलता भी।"
बाइडेन ने कहा कि तालिबान को एक मौलिक फैसला करना है। उन्होंने कहा, "क्या तालिबान एकजुट होने और अफगानिस्तान के लोगों की भलाई के लिए प्रयास करने जा रहा है, जो किसी एक समूह ने कभी नहीं किया?" उन्होंने आगे कहा कि और अगर ऐसा होता है, तो उसे आर्थिक सहायता, व्यापार, और चीजों की एक पूरी श्रृंखला के मामले में अतिरिक्त सहायता से लेकर हर चीज की आवश्यकता होगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि तालिबान ने कहा है - हम देखेंगे कि उनका मतलब है या नहीं - वे वैधता की मांग कर रहे हैं। वे यह निर्धारित करने के लिए वैधता की मांग कर रहे हैं कि उन्हें अन्य देशों द्वारा मान्यता दी जाएगी या नहीं। उन्होंने यह अन्य देशों से कहा है और हमसे भी, वे नहीं चाहते कि हम अपनी राजनयिक उपस्थिति को पूरी तरह से आगे बढ़ाएं। यह सब अभी बस बात है। उन्होंने कहा कि तालिबान ने अब तक अमेरिकी बलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है, जो उन्होंने वादा किया था।