वाशिंगटन: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने को बहुप्रतीक्षित और उचित कदम बताते हुए कहा कि पाकिस्तान से यही अपेक्षा थी कि वह इस निर्णय को चुनौती देने के लिए हर संभव कोशिश करेगा क्योंकि उसने कश्मीर में आतंकवाद भड़काने के लिए बड़ा निवेश किया हुआ है। जयशंकर ने एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक ‘द हैरीटेज फाउंडेशन’ में बुधवार को कहा कि भारतीय सुरक्षा बलों ने पांच अगस्त के फैसले के बाद से जम्मू-कश्मीर में अत्यंत संयम बरता है और उनका अनुमान है कि पाकिस्तान पिछले कई दशकों से जो कर रहा है, उसे जारी रखेगा।
जयशंकर ने कहा, ‘‘आप पाकिस्तानियों से क्या अपेक्षा करते हैं कि वे (मौजूदा प्रतिबंध हटने के बाद और हालात पुन: सामान्य होने के बाद) क्या कहेंगे?...कि हम चाहते हैं कि शांति और खुशहाली लौट आए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, वे (पाकिस्तान) ऐसा नहीं चाहेंगे। वे ऐसा परिदृश्य दिखाने की कोशिश करेंगे कि सब नष्ट हो गया है क्योंकि पहली बात तो यह है कि वे यही चाहते हैं और दूसरी बात यह है कि 70 साल से यही उनकी योजना रही है।’’
जयशंकर से शीर्ष पाकिस्तानी नेतृत्व के उस बयान के बारे में पूछा गया था जिसमें उसने आरोप लगाया है कि भारत फर्जी झंडा उठाएगा और कश्मीर में सुरक्षा एवं संचार प्रतिबंध हटाए जाने के बाद हर आतंकवादी हमले के लिए इस्लामाबाद को दोषी ठहराएगा। इसके जवाब में विदेश मंत्री ने यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इन टिप्पणियों को लेकर कोई भी फैसला करने से पहले ऐतिहासिक संदर्भों पर गौर करना महत्त्वपूर्ण है। ऐसी बातें पांच अगस्त को ही शुरू नहीं हुई। उनकी ये नीतियां और हरकतें उसी दिन से शुरू हो गई थीं जब कश्मीर ने भारत को स्वीकार किया था और पाकिस्तानी घुसपैठियों ने श्रीनगर को जलाने की धमकी दी थी। कृपया कश्मीर का इतिहास देखिए।’’
जयशंकर ने कहा कि ऐसा बहुत सी बातें है, जिन पर गौर किए जाने की आवश्यकता है। भारत की कोशिश होगी कि वह ‘‘इससे अच्छी तरह से निपटे।...मुझे पूरा भरोसा है कि हम सफल होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने (पाकिस्तान की ओर से) ऐसी बयानबाजी कई बार देखी है, जो चिंतित करने वाली है। उन्होंने केवल फर्जी झंडे की नहीं, बल्कि जिहाद की भी बात की...परमाणु हथियारों की बात की।’’
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को वापस लेने की भारत की कार्य योजना के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि इस क्षेत्र पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत के नक्शे में है और इस पर भारत का दावा है। भारत उम्मीद करता है कि एक दिन पीओके पर उसका अधिकार होगा। जयशंकर ने कहा, ‘‘मेरा बहुत सरल तर्क है। मेरी संप्रभुता और मेरा अधिकार क्षेत्र मेरे नक्शों में बताया गया है। मेरा नक्शा पिछले 70 साल से है।’’
जयशंकर ने कहा कि अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को रद्द करना कोई छोटा कदम नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘हमने जो किया, उसका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। मेरी नजर में, ऐसा किया जाना उचित था। यह कई साल पहले ही हो जाना चाहिए था।’’ जयशंकर ने कहा, ‘‘जब कश्मीर में पाकिस्तान ने आतंकवाद और अलगाववाद के लिए बहुत निवेश किया है, तो ऐसे में हम यह उम्मीद नहीं करते कि यह निर्विरोध होगा।’’
उन्होंने कहा कि इस पर प्रतिक्रियाएं होंगी। भारत की स्पष्ट रूप से रणनीति यह है कि लोगों को इसके पीछे का कारण बताया जाए और इसके दीर्घकालिक लाभ के बारे में उन्हें समझाया जाएगा। जयशंकर ने कहा कि इस बीच भारत सावधानियां बरतेगा क्योंकि इतिहास ने भी सावधानियां बरतने की आवश्यकता के बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को अत्याधिक संयम बरतने का निर्देश दिया गया है।