लंदन: जीका वायरस से जुड़ी दिक्कतों को लेकर जारी स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी के बाद लातिन अमेरिकी देशों में गर्भपात की मांग करने वालों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास एट ऑस्टिन और ब्रिटेन की कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि इनमें से अधिकतर देशों में गर्भपात या तो गैर-कानूनी है या बहुत अधिक प्रतिबंधित।
उन्होंने कहा कि इस कारण गर्भवती महिलाओं के समक्ष बहुत कम विकल्प बचे हैं और मजबूरन वे असुरक्षित तरीके अख्तियार करती हैं जिसमें मेडिकल देखरेख के बगैर गर्भपात की दवाएं लेना या छिपकर गर्भपात करने वालों के पास जाना शामिल है।
पिछले वर्ष 17 नवंबर को पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (PAHO) ने लातिन अमेरिका में जीका वायरस को लेकर चेतावनी जारी की थी। यद्यपि यह बीमारी मच्छरों से फैलती है और इसके लक्षण बहुत हल्के होते हैं लेकिन ये अजन्मे बच्चे में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।
पीएएचओ की चेतावनी के बाद विभिन्न देशों ने स्वास्थ्य परामर्श जारी किया जिसमें महिलाओं से गर्भधारण से बचने के लिए कहा गया। इस अध्ययन का प्रकाशन न्यू इंग्लैण्ड जर्नल ऑफ मेडिसिन में किया गया है।