वाशिंगटन: जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने पर्ल हार्बर का दौरा किया, जहां द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान ने आक्रमण कर दिया था और इस हमले में 2,400 से अधिक लोगों की जान गई थी। हालांकि, अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हुए इस हमले के लिए आबे ने माफी नहीं मांगी। जापान सरकार ने आबे के दौरे को सुलह दौरे के रूप में पेश किया। इसका मकसद दोनों देशों के गठबंधन को और मजबूत करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति का इजहार करना था।
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इसका उद्देश्य अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के साथ संबंधों की अनिश्चितताओं के बीच जापान-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाना भी माना जा रहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, आबे मंगलवार को पर्ल हार्बर के यूएएस अरिजोना स्मारक पर पहुंचने के बाद 'पूरी तरह मौन' रहे। उन्होंने माना कि अमेरिका और जापान के बीच मानव इतिहास का भयावह युद्ध लड़ा गया। उन्होंने हमले में मारे गए अमेरिकी जवानों के प्रति संवेदना प्रकट की, लेकिन माफी नहीं मांगी।
आबे ने कहा कि उन सैनिकों में सभी की मां और पिता होंगे जो उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहें होंगे। बहुतों की पत्नी और महिला मित्र रही होंगी जिन्हें वे प्यार करते होंगे। और बहुत सारे सैनिकों के बच्चे रहे होंगे जिन्हें वे बड़े होते देखते और प्यार करते। लेकिन, हमले में सब कुछ खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि जापान के लोगों ने एक संकल्प लिया है कि वे अब फिर कभी युद्ध नहीं करेंगे।
जापान की शाही सेना के हमले में मरे 2400 अमेरिकी सैनिकों के प्रति गहरी एवं असीम संवेदना प्रकट की गई लेकिन आबे की ओर से माफी नहीं मांगी गई। गौरतलब है कि सात दिसंबर 1941 की सुबह जापान के 350 से अधिक विमानों ने अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर हमला कर दिया था जिसमें 2,403 अमेरिकी मारे गए थे, लगभग 20 जहाज डूब गए थे या क्षतिग्रस्त हो गए थे और 300 से अधिक विमान नष्ट हो गए थे।
वाशिंगटन में ग्रेस सैंडोवल नाम के किशोर ने कहा, "मेरे विचार से उन्हें माफी मांगना चाहिए थी। वह एक हमला था जिसमें हमलोगों पर बमबारी की गई थी। उन लोगों को माफी मांगनी चाहिए। वे पहले ही आत्मसमर्पण कर चुके हैं लेकिन उन्हें माफी मांगनी चाहिए।" इस हमले से अमेरिका स्तब्ध रह गया था और बाद में प्रत्यक्ष रूप से द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल हो गया था।
पर्ल हार्बर हमले के जवाब में अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम हमले किए, जिसके बाद जापान ने 15 अगस्त, 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया। आबे का पर्ल हार्बर का दौरा अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के हिरोशिमा दौरे के लगभग छह महीने बाद हुआ है।