मियामी: अमेरिका में 11 सितंबर, 2001 को हुए आतंकी हमले के आरोपी ने तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा को ग्वांतानामो जेल से पत्र लिखा था। यह आरोपी खुद को 9/11 हमले का मास्टरमाइंड बताता है। पत्र में आरोपी ने हमले को अमेरिका की विदेश नीति पर प्राकृतिक प्रतिक्रिया बताते हुए उचित ठहराने की कोशिश की है। अपहरण की साजिश रचने के आरोप में अमेरिका के सैन्य आयोग में मुकदमे का सामना कर रहे ग्वांतानामो में रखे गए पांच कैदियों में से एक खालिद शेख मोहम्मद का यह पत्र कल जारी किया गया। पत्र में उसने लिखा है कि न्यायाधिकरण चाहे उसे उम्रकैद दे या मृत्युदंड की सजा दे, इससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता।
- अदालत ने जानबूझकर लगाया आव्रजन आदेश पर प्रतिबंध
- क्या है इस वीडियो में जिसे ए आर रहमान समेत कई लोग कर रहे शेयर….
मोहम्मद ने लिखा है, अगर अदालत मुझे उम्रकैद की सजा देगी तो यह खुशी की बात होगी क्योंकि इससे मुझे अपने सारे पापों और कुकर्मों का पश्चाताप करने और उम्र भर अकेले अल्लाह की इबादत करने का मौका मिलेगा। उसने पत्र में लिखा, अगर आपकी अदालत मुझे मौत की सजा देती है तो मुझे अल्लाह और पैगंबरों समेत शेख ओसामा बिन लादेन और पूरी दुनिया के अपने उन अच्छे दोस्तों से भी मिल सकूंगा जिनकी आपने हत्या कर दी।
मोहम्मद यह पत्र 2015 में ही भेजना चाहता था लेकिन जेल अधिकारियों ने इसकी इजाजत नहीं दी और बाद में सैन्य न्यायाधीश ने इसे प्रचार करार दिया। इस मुद्दे पर मुकदमेबाजी के बाद न्यायाधिकरण ने पिछले महीने पत्र भेजने की अनुमति दे दी। यह वही वक्त था जब ओबामा का कार्यकाल खत्म होने जा रहा था। पत्र में मोहम्मद ने लिखा है कि वाशिंगटन और न्यूयॉर्क में हुए हमले सार्वभौमिक कानूनों के अनुरूप ही थे और ये इस्लामिक दुनिया को बरबाद कर देने वाली अमेरिकी नीतियों पर प्राकृतिक प्रतिक्रिया का हिस्सा थे। मोहम्मद और उसके सहयोगी विमान अपहरण, आतंकवाद और 3,000 हत्याओं के मामलों में आरोपी हैं।