वाशिंगटन: सात भारत स्थित आउटसोर्सिंग कंपनियों को 2016 में अमेरिका में इससे पिछले साल 2015 की तुलना में कम एच-1बी वीजा मिला है। मीडिया की खबरांे के अनुसार समूह के रूप में उनके आंकड़ों में 37 प्रतिशत की गिरावट आई। ("पाक एक सहयोगी होने की बजाय खतरा अधिक")
वाशिंगटन स्थित गैर लाभकारी शोध संस्थान नेशनल फाउंडेशन आफ अमेरिकन पालिसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2016 में कंपनियों के मंजूर आवेदनों मंे 2015 की तुलना में 5,436 या 37 प्रतिशत की गिरावट आई। इसमें कहा गया है कि शीर्ष सात भारतीय कंपनियों के लिए वित्त वर्ष 2016 में 9,356 नए एच-1बी वीजा आवेदनों को मंजूरी दी गई, जो अमेरिकी श्रमबल का मात्र 0.006 प्रतिशत बैठता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के नए मंजूर एच-1बी आवेदनों की संख्या वित्त वर्ष 2016 में घटकर 2,040 पर आ गई। यह 2015 में 4,674 थी। इस तरह मंजूर आवेदनों की संख्या में 2,634 की गिरावट आई। वहीं विप्रो के लिए आवेदनों की संख्या 52 प्रतिशत या 1,605 घटकर 3,079 से 1,474 पर आ गई। इन्फोसिस के मंजूर आवेदनों की संख्या 16 प्रतिशत घटकर 2,830 से 2,376 पर आ गई।