वाशिंगटन: हाल ही में नासा ने कुछ आंकड़े जारी किए हैं जिनके मुताबिक, इस साल मई महीने में वैश्विक तापमान का रिकॉर्ड टूट गया है और उत्तरी गोलार्ध में वसंत सबसे गर्म रहा। नासा के मुताबिक, इस दौरान उत्तरी ध्रुव खास तौर से गर्म है, जिससे उत्तरी ध्रुव सागर की बर्फ और ग्रीनलैंड की बर्फ की परत के पिघलने का सिलसिला इस बार जल्द शुरू हो गया। उत्तरी गोलार्ध में बर्फ की परत आसाधरण तौर पर कम थी।
मई के इस रिकॉर्ड तापमान के साथ कई घटनाएं भी हुईं। यूरोप और दक्षिणी अमेरिका में बेहद भारी बारिश हुई। मूंगे की चट्टानों के रंग उड़ने की व्यापक घटनाएं हुईं।
वैश्विक जलवायु अनुसंधान कार्यक्रम के निदेशक डेविड कार्लसन ने कहा कि इस साल अब तक की जलवायु की स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा 'असाधारण तौर पर उच्च तापमान। मार्च और मई में बर्फ पिघलने की दर, जिसे हम आम तौर पर जुलाई तक नहीं देखते थे। पीढ़ियों में एक बार होने वाली बारिश की घटनाएं। सुपर अल नीनो को आंशिक तौर पर जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।' साल 2016 में अब तक उच्च तापमान की वजह मजबूत एल नीनो है, जिसका प्रभाव अब खत्म हो गया है।