सिएटल: अमेरिका में वाशिंगटन , न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया समेत 17 राज्यों ने अधिकारियों को आव्रजक परिवारों को फिर से मिलवाने के लिए मजबूर करने के प्रयास में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन पर मुकदमा दायर किया है। इन परिवारों को अमेरिका - मैक्सिको सीमा पर अलग कर दिया गया था। कैलिफोर्निया में एक संघीय न्यायाधीश ने मंगलवार को एक अलग लेकिन ऐसे ही एक मुकदमे पर आदेश दिया। सैन डिएगो में अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट न्यायाधीश डाना साब्रॉ ने सीमा अधिकारियों को आदेश दिया कि वह मंगलवार के आदेश से 30 दिन के भीतर बच्चों को उनके परिवार से मिलवाएं और अगर बच्चे की उम्र पांच साल से कम है तो 14 दिन के भीतर उन्हें उनके परिवार से मिलवाया जाए। न्यायाधीश ने परिवारों को अलग करने पर राष्ट्रव्यापी आदेश भी दिया। (मेलानिया ट्रंप फिर करेंगी अपंजीकृत बाल आव्रजकों से मुलाकात )
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि संघीय न्यायाधीश का यह आदेश राज्यों के मुकदमे पर कैसे असर डालेगा। न्यू जर्सी के अटॉर्नी जनरल गुरबीर ग्रेवाल ने ईमेल से भेजे एक बयान में कहा , ‘‘ परिवारों को अलग करने की प्रशासन की नीति निश्चित तौर पर क्रूर है। ’’ गौरतलब है कि आव्रजक अधिकारियों ने हाल के हफ्तों में 2,300 बच्चों को उनके माता - पिता से अलग कर दिया। जैसे ही रोते - बिलखते बच्चों की तस्वीरें और रिकॉर्डिंग सामने आई तो दुनियाभर में इसे लेकर आक्रोश पैदा हो गया।
सिएटल स्थित आव्रजक अधिकारी समूह ने वाशिंगटन में हिरासत में रह रहे शरणार्थियों की ओर से सोमवार को मुकदमा दायर किया। जिन राज्यों ने मुकदमा दायर किया है उनमें मैसाच्युसेट्स , कैलिफोर्निया , डेलावेयर , आयोवा , इलिनोइस , मैरीलैंड , मिनेसोटा , न्यू जर्सी , न्यू मैक्सिको , न्यूयॉर्क , नॉर्थ कैरोलीना , ओरेगोन , पेन्सिलवेनिया , रोड आइलैंड , वरमॉण्ट , वर्जीनिया और वाशिंगटन शामिल हैं।