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Zelenskyy on India: संयुक्त राष्ट्र पर भड़के जेलेंस्की, कहा-'क्यों भारत और यूक्रेन नहीं हैं सुरक्षा परिषद के स्थाई मेंबर'

Zelenskyy on India: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सख्त लहजे में जेलेंस्की ने कहा कि आखिर किस वजह से भारत और यूक्रेन सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य नहीं हैं।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: September 23, 2022 9:30 IST
Zelenskyy with Modi- India TV Hindi
Image Source : FILE Zelenskyy with Modi

Highlights

  • जेलेंस्की ने यूएन पर जमकर निकाली भड़ास
  • रूस ने कभी शांति की बात नहीं कही, जबकि वह स्थाई सदस्यः जेलेंस्की
  • सुरक्षा परिषद में सुधारों पर जोर देता रहा है भारत

Zelenskyy on india: रूस और यूक्रेन की जंग अब मैदान के अलावा जुबानी जंग भी बन गई है। पुतिन ने जहां परमाणु हमले की चेतावनी दी, वहीं पीएम मोदी के रूस के राष्ट्रपति से जंग को अर्थहीन बताने के बाद जेलेंस्की ने भी भारत के पक्ष में बयान दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सख्त लहजे में जेलेंस्की ने कहा कि आखिर किस वजह से भारत और यूक्रेन सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य नहीं हैं। जेलेंस्की ने महासभा में नेताओं की आम बहस के दौरान अपने पूर्व रिकॉर्डेड संदेश में कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र में सुधार के लिहाज से बहुत सारी बातें की गईं। यह सब कैसे निपटेगा, कोई परिणाम नहीं निकला।‘

जेलेंस्की ने यूएन पर जमकर निकाली भड़ास

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को कई महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक संयुक्त राष्ट्र की तरफ से कोई हल नहीं निकला है। यही नहीं, जेलेंस्की ने पूछा कि आखिर क्या वजह है कि भारत, जापान, ब्राजील और यूक्रेन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य नहीं हैं।जेलेंस्की ने कहा कि ‘वह दिन जरूर आएगा जब इसका हल निकलेगा।‘ 

यूक्रेन के प्रेसीडेंट जेलेंस्की ने युएन की महासभा में बुधवार को वैश्विक नेताओं की आम बहस के दौरान अपने पहले से रिकॉर्ड किए गए संदेश में कहा कि ‘युनाइटेड नेशन में सुधार को लेकर कई बड़ी बड़ी बातें कही गई हैं, लेकिन इन सब को किस तरह निपटाया जाएगा, इसका कोई परिणाम निकलता दिखाई नहीं दे रहा है।‘

जेलेंस्की ने कहा कि ‘हमारे शांति सूत्र को ध्यान से देखने पर आप पाएंगे कि इसका कार्यान्वयन पहले से ही संयुक्त राष्ट्र के वास्तविक सुधार के तहत हुआ है। हमारा सूत्र सार्वभौमिक है और दुनिया को उत्तर से लेकर दक्षिणी छोर तक जोड़ता है। यह दुनिया के उन लोगों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने को प्रोत्साहित करता है जिन्हें कभी सुना नहीं गया।‘ 

रूस ने कभी शांति की बात नहीं कही, जबकि वह स्थाई सदस्यः जेलेंस्की

उन्होंने कहा, ‘यह बात केवल यूक्रेन कह रहा है। क्या आपने कभी रूस से ऐसे शब्द सुने हैं, जबकि वह सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है। किस वजह से, आखिर क्या कारण है कि जापान, ब्राजील, तुर्किये, भारत, जर्मनी या यूक्रेन इसके सदस्य नहीं हैं। वह दिन जरूर आएगा जब यह मसला हल होगा।‘ 

सुरक्षा परिषद में सुधारों पर जोर देता रहा है भारत

जेलेंस्की ने स्थाई सदस्यों में कुछ खास देशों के साथ भारत की बात भी कही। दरअसल, भारत भी संयुक्त राष्ट्र में स्थाई सदस्यता के लिए काफी लंबे अरसे से कोशिश में जुटा हुआ है। अमेरिका, ब्रिटेन सहित कई अन्य देश भारत के समर्थन में हैं। सिर्फ इस मामले में चीन ने अपनी टांग हमेशा अड़ाई है। भारत संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद में तत्काल लंबित सुधारों पर जोर देने के प्रयासों में सबसे आगे रहा है। भारत ने खुद भी इस बात पर बल दिया है कि वह सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में स्थान हासिल करने का हकदार है। इस समय  संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य और 10 गैर स्थायी सदस्य देश शामिल हैं,  जिन्हें संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है।

भारत का स्थाई सदस्य न होना वैश्विक समुदाय के लिए सही नहीं हैः जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य नहीं होना केवल ‘हमारे लिए ही नहीं, बल्कि इस वैश्विक निकाय के लिए भी सही नहीं है तथा इसमें सुधार ‘बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था।‘

ये सुरक्षा परिषद के 5 स्थाई सदस्य

पांच स्थायी सदस्य रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं। इन देशों के पास किसी भी मूल प्रस्ताव को वीटो यानी रोक लगाने करने की शक्ति है। हाल ही में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की मांग तेज हो रही है।

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