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Year Ender 2023: रूस-यूक्रेन युद्ध में इस साल आए कितने खतरनाक मोड़, जानें पुतिन और जेलेंस्की में कौन रहा आगे

रूस-यूक्रेन युद्ध में 2023 में कई बड़ी घटनाएं घटी। इस वर्ष यूक्रेन युद्ध में काफी कमजोर साबित हुआ। यूरोपीय देशों समेत अमेरिका से उससे मदद मिलनी 90 फीसद तक कम हो गई। ऐसे में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और उनकी सेना का हौसला टूटने लगा। रूसी सेना यूक्रेन पर हावी होने लगी।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: December 21, 2023 17:21 IST
रूसी राष्ट्रपति पुतिन (बाएं) और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की (दाएं)- India TV Hindi
Image Source : AP रूसी राष्ट्रपति पुतिन (बाएं) और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की (दाएं)

Year Ender 2023: फरवरी 2024 में रूस-यूक्रेन युद्ध के 2 वर्ष पूरे हो जाएंगे। वर्ष 2023 यूक्रेन के लिए काफी उम्मीदों भरा था, मगर आखिर में रूस ने जेलेंस्की की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अब यूक्रेन और जेलेंस्की असहाय बने फिर रहे हैं। यूक्रेन को रूस से हार का खतरा सताने लगा है। इसकी प्रमुख वजह नाटो और अमेरिका से पर्याप्त सहायता नहीं मिल पाना है। रूस के खिलाफ युद्ध में वर्ष 2023 की शुरुआत यूक्रेन के सुरक्षा बलों के लिए उम्मीदों से भरी थी, लेकिन साल का अंत आते-आते यूक्रेन के युद्ध संबंधी प्रयासों के लिए पश्चिम देशों से मिलने वाली मदद के भविष्य को लेकर सैनिकों में बढ़ती चिंता और निराशा का असर जंग के मैदान में भी दिखने लगा।

साल के मध्य में रूस में एक अल्पकालिक विद्रोह की घटना हुई, यूक्रेन में एक बांध ढह गया और संघर्ष में दोनों पक्षों को बहुत खून बहाना पड़ा। आक्रमण के 22 महीने बाद रूस ने यूक्रेन का लगभग पांचवां हिस्सा अपने कब्जे में ले लिया है। युद्ध भूमि से एक संकट सामने आया है। अपने बड़े प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ यूक्रेन के संघर्ष का समर्थन करने वाले पश्चिम देशों में अरबों डॉलर की वित्तीय सहायता पर राजनीतिक विचार-विमर्श तेज होने से स्थिति तनावपूर्ण हो रहा है। अमेरिका में अगले साल नवंबर के चुनाव के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक दृष्टिकोण तेजी से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पक्ष में बदलने की संभावना है जो कि यूक्रेन का अब तक का सबसे बड़ा सैन्य आपूर्तिकर्ता रहा है और देश में कुछ रिपब्लिकन उम्मीदवार यूक्रेन के युद्ध के लिए समर्थन देना बंद करने पर जोर दे रहे हैं।

अमेरिका और यूरोप से यूक्रेन को मदद पर विराम

एसोसिएटेड प्रेस (एपी)-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च द्वारा नवंबर में प्रकाशित सर्वेक्षण के अनुसार, अमेरिका की लगभग आधी आबादी का मानना है कि देश यूक्रेन पर बहुत अधिक खर्च कर रहा है। वाशिंगटन डीसी में ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ के एक वरिष्ठ फेलो चार्ल्स कुपचन कहते हैं, ‘‘अटलांटिक के दोनों तरफ राजनीतिक परिदृश्य बदल रहा है। अंतर अटलांटिक एकजुटता स्थिर रही है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह हमेशा स्थिर रहेगा।’’ विश्लेषकों का कहना है कि बदलती भावना से पुतिन को फायदा हो सकता है, क्योंकि वह कम से कम यूक्रेन को अधर में रखना चाहते हैं और अंततः युद्ध समाप्त करने के लिए यूक्रेन को एक खराब समझौते को स्वीकार करने के लिए मजबूर करना चाहते हैं।

पुतिन फिर लड़ेंगे रूसी राष्ट्रपति का चुनाव

पुतिन ने दिसंबर की शुरुआत में घोषणा की कि वह मार्च में फिर से चुनाव लड़ेंगे और यह गारंटी दी कि वह कम से कम अगले छह वर्षों तक रूस पर अपनी पकड़ बनाए रखेंगे। लंदन में ‘चैथम हाउस थिंक टैंक’ में रूस-यूरेशिया कार्यक्रम के सलाहकार मैथ्यू बौलेग कहते हैं, ‘‘पुतिन के लिए यह एक अच्छा वर्ष रहा है, मैं वास्तव में इसे एक बेहतर वर्ष भी कहूंगा।’’ पश्चिमी देशों के प्रतिबंध रूसी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं लेकिन उसे पंगु नहीं बना रहे हैं। रूसी सेनाएं अब भी युद्ध के मैदान पर बहुत कुछ तय कर रही हैं और उन्होंने यूक्रेन के महीनों से जारी जवाबी हमले को काफी हद तक रोक रखा है। ‘किंग्स कॉलेज लंदन’ के रक्षा अध्ययन विभाग की मरीना मिरोन ने कहा कि जवाबी हमला यूक्रेन की सेना के पूरी तरह से तैयार होने से पहले ही शुरू कर दिया गया था।

बखमुत में दोनों देशों ने लड़ी सबसे लंबी और भीषण लड़ाई

बखमुत में सबसे लंबी और सबसे खूनी लड़ाई और इस शहर पर बमबारी से मई में पुतिन को वह जीत मिली जिसकी उन्हें सख्त दरकार थी। यह रूसियों को दिखाने के लिए एक ‘ट्रॉफी’ की तरह थी क्योंकि उनकी सेना का शीतकालीन आक्रमण अन्य यूक्रेनी शहरों और कस्बों तक आगे बढ़ने में विफल रहा था। जून में निजी सेना वैग्नर समूह का विद्रोह सत्ता में दो दशकों से अधिक समय से पुतिन के वर्चस्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती था। लेकिन इसका उल्टा असर हुआ। पुतिन ने विद्रोह को दबा दिया और क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति कार्यालय) पर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए अपने सशस्त्र बलों की निष्ठा बरकरार रखी। वैग्नर प्रमुख और विद्रोही नेता येवगेनी प्रिगोझिन एक रहस्यमय विमान दुर्घटना में मारे गए और युद्ध के बारे में किसी भी सार्वजनिक असहमति को रूसी अधिकारियों द्वारा तुरंत और सख्ती से दबा दिया गया। फिर भी पुतिन को कई झटके लगे हैं।

पुतिन के  खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट

अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने मार्च में युद्ध अपराधों के लिए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, जिसमें उन पर यूक्रेन से बच्चों के अपहरण के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होने का आरोप लगाया गया। इसके कारण उनके लिए कई देशों की यात्रा करना असंभव हो गया। अमेरिका के अनुसार, यूक्रेन ने अब तक रूसी सेना द्वारा फरवरी 2022 में आक्रमण करके कब्जा की गई लगभग आधी जमीन वापस ले ली है, लेकिन इससे अधिक जमीन वापस हासिल करना कठिन होगा। अपनी ओर से यूक्रेन दुश्मन की सीमा के निकट काफी हद तक हमला करने में सक्षम साबित हुआ है। यहां तक कि लंबी दूरी के ड्रोन से रूसी की राजधानी मास्को पर भी हमला करने में सक्षम रहा। यूक्रन ने रूस से जुड़े क्रीमिया में एक प्रमुख पुल, तेल डिपो और हवाई क्षेत्रों और सेवस्तोपोल में रूस के काला सागर बेड़े के मुख्यालय पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला करके रूस की नाक में दम कर दिया है।

उत्तर कोरिया ने रूस को दी मजबूती

रूस को सैनिकों और उपकरणों का भारी नुकसान हुआ है, लेकिन देश उन झटकों को झेलने में सक्षम है। पुतिन के बारे में विदेशी अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने उत्तर कोरिया से गोला-बारूद की बड़ी आपूर्ति सुनिश्चित की है। उन्होंने रूसी सैनिकों की संख्या में लगभग 1,70,000 की बढ़ोतरी करके इसे 13 लाख से अधिक करने का भी आदेश दिया है। यूक्रेन के लिए एक और चुनौती युद्ध अभियान के लिए संसाधन की आपूर्ति है। विश्लेषकों का कहना है कि इसके सैनिक हताश हो रहे हैं। जेलेंस्की ने मदद जारी रखने के लिए पश्चिमी नेताओं से अपील की है। पिछले दो वर्षों में उन्होंने तीन बार अमेरिका की यात्रा की है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पश्चिमी एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए पिछली फरवरी में कीव की यात्रा की। अब वह चाहते हैं कि कांग्रेस यूक्रेन में युद्ध के लिए 50 अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त राशि दे। हालांकि, कीव के लिए समर्थन में कमी के संकेत दिख रहे हैं क्योंकि बाइडन का प्रस्ताव विभाजित सीनेट में अटका हुआ है। (एपी)

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