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फ्रांस में मिला दुनिया का सबसे बड़ा 'सफेद खजाना', धरती को बचाने में होगा मददगार

धरती के अंदर जीवाश्म ईंधन की खोज के दौरान फ्रांस में वैज्ञानिकों को सफेद सोना मिला है। व्हाइट हाइड्रोडन को गोल्डन हाइड्रोजन के नाम से जाना जाता है। इसे लेकर कहा जा रहा है कि यह धरती को बचाने में काफी मददगार साबित हो सकती है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: November 02, 2023 20:08 IST
फ्रांस में मिला दुनिया का सबसे बड़ा 'सफेद खजाना- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA फ्रांस में मिला दुनिया का सबसे बड़ा 'सफेद खजाना

France News: फ्रांस में एक ऐसा 'खजाना' मिला है, जिससे पूरी दुनिया की टेंशन दूर हो सकती है। वैज्ञानिकों को जमीन के नीचे 'सफेद सोने' का अकूत भंडार मिला है। नॉदर्न फ्रांस की जमीन के नीचे यह खजाना पाया गया है। वैज्ञानिक जीवाश्म ईंधन की तलाश कर रहे थे। इस दौरान उन्हें सफेद हाइड्रोजन का बड़ा भंडार मिला है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार यह अब तक खोजे गए 'सफेद सोने' यानी सफेद हाइड्रोजन के अब तक के   सबसे बड़ा भंडारों में से एक है। 

अनुमान है कि इसकी मात्रा 6 मिलियन से 250 मिलियन मीट्रिक टन हाइड्रोजन के बीच है। व्हाइट हाइड्रोडन को गोल्डन हाइड्रोजन के नाम से जाना जाता है। इसे लेकर कहा जा रहा है कि यह धरती को बचाने में काफी मददगार साबित हो सकती है। पृथ्वी की ऊपरी सतह में प्राकृतिक रूप से मौजूद व्हाइट हाइड्रोजन को गोल्ड, प्राकृतिक या जियोलोजियो हाइड्रोजन भी कहा जाता है।

उत्पादन के दौरान नहीं प्रोड्यूस होती ग्रीन हाउस गैस

 इसे व्हाइट हाइड्रोजन इसलिए कहा जाता है क्योंकि उत्पादन के दौरान कोई ग्रीनहाउस गैस प्रोड्यूस नहीं होती है। यह नैचुरली पैदा होता है और यही वजह है कि इसे जलवायु अथवा धरती के लिए काफी फायदेमंद बताया जा रहा है। सफेद हाइड्रोजन को लेकर कहा जा रहा है कि यह सौर या पवन ऊर्जा की तुलना में ग्रीन एनर्जी स्रोत है, क्योंकि जब हाइड्रोजन जलता है, तो जो कुछ भी उत्पन्न होता है वह पानी होता है।

किसे मिली यह सफलता

यह सफलता फ्रांस के दो वैज्ञानिकों, जैक्स पिरोनोन और फिलिप डी डोनाटो को मिली है। ये दोनों फ्रांस के नेशनल सेंटर ऑफ साइंटिफिक रिसर्च के अनुसंधान निदेशक हैं। व्हाइट हाइड्रोजन वाले भंडार की खोज तब हुई, जब ये दोनों लोरेन खनन बेसिन की उपभूमि में मीथेन की मात्रा का आकलन कर रहे थे। ये दोनों वैज्ञानिक जब कुछ सौ मीटर नीचे पहुंचे, तो उन्हें हाइड्रोजन की कम कंसंट्रेशन यानी सांद्रता मिली, मगर जैसे-जैसे वे गहराई में गए, कंसंट्रेशन 1,100 मीटर पर 14% और 1,250 मीटर पर 20% तक पहुंच गई। रिसर्च ने धरती के नीचे हाइड्रोजन के एक बड़े भंडार की उपस्थिति का संकेत दिया।

कैसे उपयोगी है 'सफेद सोना'?

सफेद हाइड्रोजन पृथ्वी की ऊपरी सतह में मौजूद प्राकृतिक रूप से उत्पादित गैस है। 2018 में माली में 98% हाइड्रोजन गैस का उत्पादन करने वाले एक कुएं ने वैज्ञानिकों का ध्यान इस संसाधन की ओर खींचा था। अब तक इसके भंडार अमेरिका, पूर्वी यूरोप, रूस, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और अन्य देशों सहित दुनिया भर में पाए गए हैं। अनुमान है कि वैश्विक स्तर पर दसियों अरब टन सफेद हाइड्रोजन हो सकता है। इस व्हाइट हाइड्रोजन को विमानन, शिपिंग और इस्पात निर्माण जैसे उद्योगों के लिए सबसे संभावित स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में देखा जाता है। 

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