मास्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमfर पुतिन ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले इसके सदस्य देशों द्वारा साझा मुद्रा में व्यापार की संभावनाओं को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स की साझा मुद्रा के लिए अभी समय नहीं आया है। हालांकि उन्होंने कहा कि 10 देशों का यह समूह आपसी व्यापार और निवेश में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग की संभावना तलाश रहा है और इसके लिए उनका देश भारत और अन्य देशों के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने ब्रिक्स सदस्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं के ताने-बाने और स्वरूप में अंतर के कारण नयी आरक्षित मुद्रा बनाने में सतर्क रुख अपनाने की वकालत की।
पुतिन ने कहा कि इन देशों को राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग, नए वित्तीय साधनों और स्विफ्ट के अनुरूप एक व्यवस्था के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए। पुतिन ने मॉस्को से करीब 50 किलोमीटर दूर नोवो-ओगारियोवो में अपने आधिकारिक आवास पर शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में ब्रिक्स सदस्य देशों के वरिष्ठ संपादकों से कहा, ''इस समय यह (ब्रिक्स मुद्रा) एक दीर्घकालिक संभावना है। इस पर विचार नहीं किया जा रहा है। ब्रिक्स सतर्क रहेगा और उत्तरोत्तर काम करेगा, आहिस्ता-आहिस्ता आगे बढ़ेगा।
अभी समय नहीं आया है। '' रूस के राष्ट्रपति ने यह टिप्पणी ब्रिक्स के आरक्षित मुद्रा बनाने की योजना के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में की। माना जाता है कि पश्चिम के भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक गठजोड़ के जवाब में ब्रिक्स समूह की परिकल्पना की गई।
रूस में होने जा रहा है 16 वां ब्रिक्स सम्मेलन
बता दें कि पुतिन का यह बयान रूस में अगले सप्ताह तातारस्तान के कजान शहर में होने जा रहे 16वें वार्षिक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले आया है। मॉस्को इसकी मेजबानी कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 से 23 अक्टूबर तक होने वाले इस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शामिल होने के बाद यह समूह का पहला शिखर सम्मेलन होगा। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स के मूल सदस्य देश हैं। पुतिन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ब्रिक्स अब राष्ट्रीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ाने और ऐसे उपकरणों के निर्माण की संभावना तलाश रहा है जो इस तरह के कार्यों को सुरक्षित बना सके।
ब्रिक्स इन संभावनाओं पर कर रहा विचार
पुतिन ने कहा कि विशेष रूप से ब्रिक्स देश इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के उपयोग की संभावना पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ''हम राष्ट्रीय मुद्राओं और निपटान प्रणालियों के उपयोग का विस्तार करने की संभावना पर विचार कर रहे हैं, और ऐसे उपकरण तैनात करना चाहते हैं, जो इसे पर्याप्त रूप से सुरक्षित बना सकें।'' पुतिन ने कहा कि समूह को एक 'टूलकिट' तैयार करनी होगी जोकि संबंधित ब्रिक्स संस्थानों की निगरानी में रहेगी। उन्होंने कहा, ''यह हमारी प्रत्यक्ष सक्रिय भागीदारी के साथ वैश्विक दक्षिण के विकास में एक और बहुत अच्छा कदम हो सकता है।
हम (कज़ान) शिखर सम्मेलन के दौरान इस संबंध में बात करेंगे। हम पहले से ही चीनी, भारतीय मित्रों व ब्राजील के लोगों के साथ परामर्श कर रहे हैं। इसके अलावा, हम दक्षिण अफ्रीका के साथ भी एक दौर का विचार-विमर्श कर चुके हैं।''
अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने पर जोर
रूसी राष्ट्रपति ने केंद्रीय बैंकों के बीच संबंध स्थापित करने और वित्तीय सूचनाओं के आदान-प्रदान की जरूरत पर भी जोर किया। पुतिन ने अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने और अधिक आर्थिक स्वतंत्रता का दावा करने के लिए समूह की व्यापक रणनीति का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि अमेरिका को इस पर विचार करने की जरूरत है कि उन्होंने लगातार प्रतिबंध लगाकर रूस के साथ संबंध खराब कर लिए हैं और इसका आखिरकार उन पर नकारात्मक असर होता है। इसलिए पूरी दुनिया सोच रही है कि क्या डॉलर का उपयोग करना उचित है।'' पुतिन ने दावा किया, ''अब निपटान और भंडार, दोनों में डॉलर की मात्रा कम हो रही है। यहां तक कि अमेरिका के पारंपरिक सहयोगी भी अपने डॉलर भंडार को कम कर रहे हैं।'' (भाषा)
यह भी पढ़ें
भारत-ब्रिटेन FTA समझौता क्यों नहीं हो पा रहा, पूर्व ब्रिटिश मंत्री ने खोली अपनी ही पोल