Highlights
- ब्रिटेन की गृहमंत्री ने वीजा समाप्त होने के बाद भी टिके रहने का भारतीयों पर लगाया आरोप
- भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर विवाद के बाद पैदा हुआ संकट
- भारत ने दर्ज कराई मंत्री के खिलाफ आपत्ति
India UK visa dispute:ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन की आव्रजन संबंधी विवादास्पद टिप्पणी के बीच यहां इस बात की आशंका बढ़ रही है कि भारत-ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) फिलहाल बाधित हो सकता है। इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए दीपावली की समयसीमा तय की गई है और इस पर चल रही बातचीत अंतिम चरण में है।
ऐसा लगता है कि भारतीय मूल की ब्रेवरमैन वीजा मुद्दे पर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस के साथ सीधे टकराव के लिए तैयार हैं। ट्रस चाहती हैं कि एफटीए के लिए तय 24 अक्टूबर की समयसीमा तक पूरा कर लिया जाए। ट्रस इस बात को अच्छी तरह समझती हैं कि नए व्यापार समझौते के तहत भारत के लिए छात्रों और पेशेवरों की आवाजाही में सुविधा महत्वपूर्ण है। हालांकि, ब्रेवरमैन ने एफटीए के तहत भारत के साथ एक ''खुली सीमा'' प्रवास नीति होने की आशंका जाहिर की, जिसके बाद अंतिम समझौते को लेकर संदेह पैदा हो गया है।
दोनों देशों के बीच व्यापार पर पड़ेगा असर
लंदन स्थित थिंक टैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) में दक्षिण एशिया के सीनियर फेलो राहुल रॉय चौधरी ने कहा, ''अब ऐसा लगता है कि लिज ट्रस सरकार के तहत संभावित ब्रिटेन-भारत एफटीए न तो उतना वास्तविक होगा और न ही उतना व्यापक होगा, जितना कि पिछली बोरिस जॉनसन सरकार में इसकी परिकल्पना की गई थी। हो सकता है कि आवाजाही / प्रवासन और व्यापार शुल्क के मुद्दों पर बातचीत जारी रहे।'' रणनीतिक विशेषज्ञ का मानना है कि दिवाली की समयरेखा अभी भी प्रतीकात्मक रूप से पूरी हो सकती है ताकि दोनों सरकारें एक तरह की राजनीतिक जीत का दावा कर सकें। ब्रिटेन की व्यापार मंत्री केमी बेडेनॉच ने भी एक परिचर्चा में इस समझौते के कम असरदार होने की आशंका जताई है। बेडेनॉच ने इस परिचर्चा में कहा कि दोनों देश यह कह सकते हैं कि वे आगे चलकर समझौते के अन्य बिंदुओं पर सहमत हो सकते हैं।
ब्रिटेन की गृहमंत्री के बयान का भारत ने किया विरोध
ब्रिटेन की गृहमंत्री भारतीय मूल की ब्रेवरमैन ने कहा था कि ब्रिटेन में अपनी वीजा अवधि से अधिक समय बिताने वालों में भारतीय सबसे आगे हैं। उन्होंने यह कहकर भारत के साथ व्यापार समझौते का विरोध भी किया। उन्होंने कहा कि इसके कारण आगे चलकर भारतीयों का इमिग्रेशन और बढ़ेगा। ब्रिटेन की मंत्री के इस बयान के खिलाफ भारत ने अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है। मगर इस बयान के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच आंशिक तनाव पैदा हो गया है।