पेरिस: फ्रांस में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव में 'एमैनुअल मैक्रों' की जीत की संभावना अधिक है, जबकि धुर दक्षिणपंथी उम्मीदवार 'मैरिन ली पेन' की राह मुश्किल नजर आ रही है। हालांकि, रविवार को दूसरे और अंतिम चरण के मतदान के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि देश का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। इस चुनाव में यदि मैक्रों को जीत मिलती है तो वह 20 साल में दूसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने वाले पहले व्यक्ति बन जाएंगे। लगभग सभी ओपीनियन पोल में 44 वर्षीय मध्यमार्गी मैक्रों की जीत का अनुमान जताया जा रहा है।
पहले चरण में 10 उम्मीदवार थे शामिल
हालांकि वह कितने मतों के अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी को हरा सकते हैं, इसे लेकर असमंजस बरकरार है। इससे पहले 10 अप्रैल को पहले चरण के मतदान में 10 अन्य उम्मीदवार भी इस दौड़ में शामिल थे। चुनाव के दौरान, वामपंथी रूझान रखने वाले वे लोग असमंजस की स्थिति में हैं जो मध्यमार्गी माने जाने वाले मैक्रों को पसंद नहीं करते, लेकिन वे धुर दक्षिणपंथी ली पेन के पक्ष में भी मतदान नहीं करना चाहते।
27.84 फीसदी वोट के साथ पहला चरण जीते मैक्रों
पहले राउंड के चुनाव में एमैनुअल मैक्रों को 27.84 फीसदी वोट मिले, जबकि ली पेन को 23.15 फीसदी वोट मिले। वहीं शां लू मेलेनकॉन को 21.95 फीसदी वोट मिले।
फ्रांस में जनता के चुने प्रतिनिधि चुनते हैं राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार
फ्रांस में राष्ट्रपति का चुनाव दूसरे देशो से अलग होता है। यहां जनता के चुने हुए प्रतिनिधि पहले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं, इसके बाद मतदान होता है। पहले चरण में यदि किसी उम्मीदवार को 50 फीसदी या उससे ज्यादा मत नहीं मिलते हैं तो दूसरे चरण का मतदान होता है। पर अभी तक फ्रांस में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि पहले चरण में किसी उम्मीदवार को 50 फीसदी वोट मिले हों। वहीं दूसरे चरण में पहले चरण में अव्वल रहने वाले उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होता है। दूसरे चरण में जीतने वाला उम्मीदवार फ्रांस का राष्ट्रपति बनता है।