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WHO ने चेताया: ओमिक्रॉन सामान्य जुकाम नहीं, इसे हल्के में न लें

डब्ल्यूएचओ की महामारी विज्ञानी डॉ. मारिया वान केरखोव ने एक ट्वीट में कहा, ओमिक्रॉन आम कोल्ड नहीं है। उन्होंने कहा, हालांकि कुछ रिपोर्टों में डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन की वजह से अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम कम होता है, फिर भी बहुत से लोग संक्रमित हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 05, 2022 23:28 IST
world health organisation- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO WHO ने चेताया: ओमिक्रॉन सामान्य जुकाम नहीं, इसे हल्के में न लें

जिनेवा: ओमिक्रॉन में सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण होने की खबरों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को चेताते हुए कहा कि यह सामान्य जुकाम नहीं है और इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन एनालिसिस के मुताबिक, ओमिक्रॉन वैरिएंट के चार सबसे आम लक्षण खांसी, थकान, रक्त का जमाव (कंजेशन) और नाक बहना हैं। यूके आधारित एक हालिया अध्ययन ने इस श्रेणी में मतली और भूख न लगने को भी जोड़ा है।

दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका और यूके के कई अध्ययनों से पता चला है कि अत्यधिक संक्रमणीय वेरिएंट के कारण होने वाले संक्रमण आमतौर पर हल्के होते हैं, जिनमें अस्पताल में भर्ती होने की कम आवश्यकता होती है। डब्ल्यूएचओ की महामारी विज्ञानी डॉ. मारिया वान केरखोव ने एक ट्वीट में कहा, ओमिक्रॉन आम कोल्ड नहीं है। उन्होंने कहा, हालांकि कुछ रिपोर्टों में डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन की वजह से अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम कम होता है, फिर भी बहुत से लोग संक्रमित हैं, बीमार हैं और अस्पताल में हैं और साथ ही ओमिक्रॉन (और डेल्टा) से मर रहे हैं।

यूके ने कथित तौर पर ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण लगभग 14 मौतें दर्ज की हैं, जबकि अमेरिका और दक्षिण कोरिया में एक-एक मौत हुई है। मौतें मुख्य रूप से गैर-टीकाकरण वाले व्यक्तियों की हुईं हैं। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने ट्विटर पर दोहराया, ओमिक्रॉन आम कोल्ड नहीं है! स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, बड़ी संख्या में रोगियों के परीक्षण, सलाह और निगरानी के लिए सिस्टम होना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वृद्धि अचानक और भारी हो सकती है।

केरखोव ने कहा कि वैक्सीन इक्विटी सुनिश्चित करके हम संक्रमण को रोक सकते हैं और जीवन को बचा सकते हैं। इस बीच, डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को यह भी कहा कि उभरते हुए सबूतों से पता चलता है कि ओमिक्रॉन ऊपरी श्वसन तंत्र को प्रभावित कर रहा है, जिससे पिछले वैरिएंट की तुलना में हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। डब्ल्यूएचओ के इंसीडेंट मैनेजर आब्दी महमूद ने जिनेवा स्थित पत्रकारों से कहा, हम अधिक से अधिक अध्ययनों को यह बताते हुए देख रहे हैं कि ओमिक्रॉन शरीर के ऊपरी हिस्से को संक्रमित कर रहा है। अन्य लोगों के विपरीत, यह गंभीर निमोनिया का कारण बन सकता है।

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि साथ ही, वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने चेतावनी दी है कि दुनिया भर में ओमिक्रॉन के कारण बढ़ते संक्रमण से नए वेरिएंट्स का उदय हो सकता है। इसने चेताया है कि जितना अधिक वेरिएंट फैलता है, उतना ही यह खुद को दोहरा सकता है और एक नया वेरिएंट भी सामने आ सकता है जो अधिक घातक हो सकता है।

फ्रांस ने आईएचयू नाम के एक नए वेरिएंट का पता लगाया है। नया वेरिएंट, 46 म्यूटेंट के साथ, पहले से ही 12 लोगों को संक्रमित कर चुका है, जिनमें टीकाकरण वाले और गैर टीकाकरण वाले लोग शामिल हैं। हालांकि यह ओमिक्रॉन की तुलना में अधिक जोखिम पैदा कर सकता है, जिसे अत्यधिक फैलने वाला, लेकिन संक्रमण में हल्का और डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम घातक बताया गया है। शोधकर्ताओं ने इसके बारे में बात करते हुए कहा है, सिर्फ 12 मामलों के आधार पर इस आईएचयू वेरिएंट की वायरोलॉजिकल, महामारी विज्ञान या नैदानिक विशेषताओं पर अटकलें लगाना जल्दबाजी होगी।

(इनपुट- एजेंसी)

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