Britain: ब्रिटेन की राजनीति में इन दिनों भूचाल आया हुआ है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कल अपनी कैबिनेट से सुएला ब्रेवरमैन को हटा दिया। यही नहीं, पूर्व पीएम डेविड कैमरन को कैबिनेट में शामिल कर लिया। ऐसे फैसलों ऋषि सुनक काफी चर्चा में हैं। पहले ब्रेवरमैन को पद से हटाने का दबाव था। अब जब उन्हें हटा दिया गया, तो भी वे आलोचनाओं के निशाने पर हैं। और तो और, अब तो उनकी कुर्सी भी खतरे में नजर आने लगी है। क्योंकि ऋषि सुनक की पार्टी की ही सांसद ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार कंजरवेटिव पार्टी की सांसद एंड्रिया जेनकिंस ने 1922 कमेटी के चेयरमैन सर ग्राहम ब्रैडी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में ब्रिटिश सांसद ने ऋषि सुनक को पीएम पद से हटाने की मांग की है और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इस पत्र में एंड्रिया जेनकिंस ने लिखा कि 'बस बहुत हो गया। हमारी पार्टी का नेता ऐसा व्यक्ति है, जिसे पार्टी के नेता ही खारिज कर चुके हैं और चुनाव नतीजों से स्पष्ट है कि जनता भी उन्हें खारिज कर चुकी है। अब ऋषि सुनक के जाने का समय आ गया है।'
बोरिस जॉनसन को हटाने में था सुनक थे शामिल
जेनकिंस ने लिखा ऋषि सुनक, लोकतांत्रिक रूप से चुने गए बोरिस जॉनसन को पीएम पद से हटाने वाले लोगों में शामिल थे। उन बोरिस ब्रेग्जिट कराने में अहम भूमिका निभाने वाले जॉनसन को निभाई और वही पार्टी को बड़े बहुमत से सत्ता में लाए थे। अब सुएला ब्रेवरमैन को पद से हटाकर ऋषि सुनक ने हद कर दी है। इस कैबिनेट में ब्रेवरमैन ही एसी व्यक्ति थीं, जो सच बोलने का माद्दा रखती हैं। जेनकिंस ने पत्र में उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी के अन्य सांसद भी उनका समर्थन करेंगे। जेनकिंस ने सोशल मीडिया पर भी इस पत्र को साझा किया है।
सुनक के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का ये है गणित
बता दें कि अगर सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी के 15 फीसदी सांसद ऋषि सुनक के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हैं तो इससे सुनक को पीएम पद छोड़ना पडे़गा। बता दें कि सुएला ब्रेवरमैन ने हाल ही में एक अखबार में लिखे लेख में लंदन पुलिस पर फलस्तीन समर्थक होने का आरोप लगाया था। दरअसल हाल ही में लंदन में फिलिस्तीन के समर्थन में रैली निकाली गई, जिससे धुर दक्षिणपंथी लोगों का एक समूह भिड़ गया। इस दौरान खूब हिंसा हुई।