Highlights
- संयुक्तराष्ट्र महासचिव की यूक्रेन और तुर्की नेताओं से मुलाकात
- रूस-यूक्रेन युद्ध विराम और अनाज शिपमेंट पर होगी अहम चर्चा
- त्रिपक्षीय मुलाकात पर टिकीं दुनिया भर की निगाहें
Russia-Ukraine war: रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए भीषण युद्ध के करीब छह माह बीत चुके हैं। बावजूद इसका अंत अब तक होता नहीं दिखाई दे रहा है। तमाम अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के बावजूद युद्ध पर विराम नहीं लग पाया है। इसी बीच आज गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस यूक्रेन और तुर्की के नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहे हैं। पश्चिमी यूक्रेन में होने वाली इस त्रिपक्षीय मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। रूस के साथ ही साथ अमेरिका, चीन, इंगलैंड और भारत जैसे सभी महत्वपूर्ण देशों की इस मुलाकात पर पैनी नजर है। मगर सवाल वही है कि क्या संयुक्त राष्ट्र रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को रोकने का कोई हल निकाल पाएगा। आइये जानते हैं कि इस त्रिपक्षीय मुलाकात में क्या क्या हो सकता है...
यूक्रेन और तुर्की के राष्ट्रपति त्रिपक्षीय वार्ता में होंगे शामिलः यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लादिमिर जेलेंस्की और तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस के साथ इस त्रिपक्षीय वार्ता में शामिल होंगे। यह मुलाकात यूक्रेन के पश्चिमी शहर लवीव में होगी। इस दौरान रूस-यूक्रेन के युद्ध को लेकर अहम चर्चा हो सकती है। युद्ध विराम की संभावनाओं को भी तलाशने की कोशिश हो सकती है। साथ ही साथ दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन स्थित जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हुए हमले व अनाज शिपमेंट के मामले पर भी चर्चा की जा सकती है। क्योंकि रूस अभी तक उन सभी बंदरगाहों को निशाना बनाता रहा है, जहां से यूक्रेन अनाज को दूसरे देशों को भेजता है।
यूक्रेन की आर्थिक व्यवस्था को तहस-नहस करने के इरादे से रूस यूक्रेन की समुद्री पहुंच के सभी रास्तों को खत्म करता जा रहा है। मगर रूस और यूक्रेन के बीच बीती जुलाई में अनाज व्यापार को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ था। इसके तहत रूस और यूक्रेन ने इंस्ताबुल में काला सागर के रास्ते अंतरराष्ट्रीय बाजार में शिपमेंट को लेकर तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के साथ एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया था। इससे यूक्रेन की ओर से दूसरे देशों को निर्यात किए जाने वाले अनाज को ग्रीन सिग्नल मिल गया।
काला सागर के बंदरगाह भी जाएंगे गुटरेसः संयुक्त राष्ट्र महासचिव अगले दिन शुक्रवार को काला सागर के इस बंदरगाह का दौरा कर वहां अनाज शिपमेंट का जायजा भी लेंगे। साथ ही बाधाओं और अड़चनों को दूर करने का प्रयास करेंगे। मगर एंटोनियो गुटरेस के इस दौरे से युद्ध विराम की संभावनाएं तलाशने पर सभी की नजरें बनी हैं। हालांकि इससे पहले रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विराम को लेकर कई स्तर की वार्ताएं विभिन्न पक्षों और देशों की ओर से हो चुकी हैं, लेकिन अब तक इसका कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक किसे हुआ कितना नुकसानः अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए चीफ विलियम बर्न्स की ओर से जुलाई 2022 में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार करीब छह माह के युद्ध में दोनों ही देशों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बर्न्स ने रूस के 15000 से अधिक सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि की है। जबकि 45000 से अधिक सैनिकों के घायल होने की खबर है। हालांकि यूक्रेन इस आंकड़े से भी कई गुना अधिक रूसी सैनिक मारने का दावा करता रहा है। वहीं रूस यूक्रेन के इस दावे को खारिज करता रहा है।
सामान्य नागरिक और बच्चे भी हुए युद्ध की त्रासदी के शिकारः यूनाइटेड नेशन्स हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स (ओएचसीएचआर) के 14 अगस्त को जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक दोनों देशों के बीच हुए युद्ध में 5500 से अधिक सामान्य नागरिक भी मारे जा चुके हैं। इनमें 350 से अधिक बच्चों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है। जबकि 7700 के करीब आम लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। वहीं आर्थिक रूप से देखा जाए तो अब तक यूक्रेन को 560 से 600 बिलियन डालर का आर्थिक नुकसान युद्ध की वजह से उठाना पड़ा है। रूस के 1000 से अधिक टैंक तबाह हो चुके हैं। साथ ही सैकड़ों हेलीकॉप्टर और फाइटर जेट भी ध्वस्त हुए हैं। यूक्रेन में सबसे ज्यादा नुकसान महत्वपूर्ण इमारतों और आधारभूत ढांचों को पहुंचा है। अब तक करीब 8000 यूक्रेनी सैनिकों के भी मारे जाने का दावा है, लेकिन यूक्रेन इसे खारिज करता रहा है।