Russia-Ukraine War:अमेरिका और उसके साथी पश्चिमी देशों ने बृहस्पतिवार को रूस के इस दावे को खारिज कर दिया कि यूक्रेन में अमेरिका के सहयोग से प्रतिबंधित जैविक हथियारों से संबंधित गतिविधियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि ये आरोप झूठे और मनगढंत हैं। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वसीली नेबेंजिया ने कहा कि रूस अपने इन आरोपों की संयुक्त राष्ट्र से जांच कराने को तैयार है कि दोनों देश जैविक हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले समझौते का उल्लंघन कर रहे हैं।
यूक्रेन से संबंधित मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तीसरी बैठक के दौरान इस मामले पर चर्चा हुई। रूस ने मंगलवार को, यह बैठक बुलाई थी। अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने बृहस्पतिवार को हुई बैठक को “समय की भारी बर्बादी” करार देते हुए रूस के आरोपों को पूरी तरह मनगढ़ंत बताया। उन्होंने कहा कि ये दावे रूस के “दुष्प्रचार अभियान”का हिस्सा हैं, जो “यूक्रेन में रूसी बलों द्वारा किए जा रहे अत्याचार से ध्यान भटकाने और नाजायज युद्ध को जायज ठहराने की कोशिश कर रहा है।
रूस पर बरसा फ्रांस
ब्रिटिश राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने परिषद से कहा कि 24 फरवरी के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से रूस ने “लगातार दुष्प्रचार किया है, जिसमें डर्टी बमों, रासायनिक हथियारों और जैविक अनुसंधानों के बारे में खोखले दावे शामिल हैं।” उन्होंने पूछा, “हमें इस बकवास को कब तक झेलना होगा।” फ्रांसीसी राजदूत निकोलस डि रिवेरे ने कहा कि रूस कोशिश कर रहा है कि हम यह भूल जाएं कि वह संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वसीली नेबेंजिया ने अमेरिका पर यूक्रेन में प्लेग, एंथ्रेक्स और इन्फ्लूएंजा जैसे घातक रोग फैलाने का आरोप लगाया। नेबेंजिया ने बैठक के दूसरे सत्र के अंत में कहा कि पश्चिमी देशों के राजदूत बार-बार रूस पर अफवाहें फैलाने, गलत जानकारियां देने और महत्वपूर्ण मुद्दों से सुरक्षा परिषद का ध्यान भटकाने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन उनके पास रूसी दावों के बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है।
भारत की अपील पर पुतिन कर चुके यूक्रेन का परमाणु हमला न करने का वादा
भारत ने यूक्रेन पर परमाणु हमला नहीं करने की अपील की थी। साथ ही इसे मानवता का दुश्मन बताया था। बृहस्पतिवार को भी भारत के रक्षामंत्री ने अपने रूसी समकक्ष से फोन पर बातचीत के दौरान यूक्रेन पर परमाणु हमला करने के खिलाफ अपना विरोध जताया था। राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत यूक्रेन पर परमाणु हमला करने को मानवता के खिलाफ मानता है। इसलिए रूस को परमाणु हमला नहीं करना चाहिए, बल्कि आपसी बातचीत और कूटनीति से इसका हल निकाला जाना चाहिए। इससे पहले पीएम मोदी ने पुतिन से यह कहकर युद्ध समाप्त करने की अपील की थी "यह युग युद्ध का नहीं है।" इससे किसी का भला नहीं हो सकता। इसलिए युद्ध छोड़कर बातचीत की मेज पर शांति के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए। पुतिन ने पीएम मोदी की इस अपील के बाद यूक्रेन को युद्ध विराम के लिए बातचीत का प्रस्ताव कई बार भेज चुके हैं। पुतिन ने अभी एक दिन पहले ही भारत की अपील को मानते हुए यूक्रेन पर परमाणु हमला करने की आशंका को खारिज कर चुके हैं। इससे यूक्रेन समेत पूरी दुनिया ने राहत की सांस ली है।