Vladimir Putin's Health: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन मार्शल आर्ट्स भी जानते हैं, वे अक्सर अच्छी फिटनेस के कारण भी पहचाने जाते रहे हैं, लेकिन उनके गंभीर बीमारी से पीड़ित होने की खबरें भी आई हैं। हालांकि पुतिन की सेहत को लेकर काफी गोपनीयता बरती जाती है। पुतिन की तरफ से खुद को काफी स्ट्रॉन्ग दिखाने की भी कोशिश रहती है। लेकिन इस बार एक वीडियो देखकर बहुत से लोगों ने दावा किया है कि पुतिन भी एडोल्फ हिटलर वाली बीमारी यानी पार्किंसन से पीड़ित हैं। वीडियो में पुतिन की जुबान लड़खड़ाती और हाथ-पैर कांपते हुए दिख रहे हैं। यूक्रेन युद्ध के बाद ये कयास और तेज हो गए हैं कि पुतिन मौत के मुहाने पर हैं और अपनी विरासत मजबूत करने के लिए यह युद्ध कर रहे हैं।
कब लगा कि पुतिन को है पार्किन्सन की बीमारी
- रूस के राष्ट्रपति पुतिन की खराब सेहत की अफवाहों के बीच इस हफ्ते एक और वीडियो में हाथ मिलाने के दौरान उनके हाथ कांपते हुए दिख रहे हैं। यह वीडियो बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको से हाथ मिलाने के दौरान का है।
- वीडियो में पुतिन लुकाशेंको का इंतजार करते हुए खड़े नजर आ रहे हैं। इस दौरान उनका हाथ काफी तेजी से कांप रहा है। पुतिन कंपकंपी को रोकने के लिए अपने हाथ को सीने पर लगाते हैं और बेलारूस के राष्ट्रपति की ओर जाते वक्त लड़खड़ाते हुए दिखते हैं।
- फरवरी में यूक्रेन पर रूस के हमले के ठीक पहले के इस वीडियो में पुतिन को कई बार एक हाथ से कसकर कुर्सी पकड़ते हुए भी देखा जा सकता है।
- इससे पहले 12 मिनट के एक वीडियो में पुतिन रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु से मुलाकात के दौरान टेबल का एक कोना लगातार पकड़कर बैठे दिख रहे थे। इस दौरान उनके दाहिने हाथ का अंगूठा और पांव हिल रहा था। वह बहुत ही ढीली सी मुद्रा में बैठे थे। पुतिन का चेहरा सूजा हुआ दिख रहा था। बोलते वक्त उनकी आवाज लड़खड़ा रही थी। इस वीडियो को देखने के बाद UK के पूर्व कंजर्वेटिव पार्टी सांसद लुईस मेंश ने ट्विटर पर लिखा कि रूसी राष्ट्रपति को पार्किंसन रोग है। लगातार पैर हिलाना और अंगूठा मोड़ना पार्किंसन बीमारी के लक्षण होते हैं।
- पुतिन पर लंबे समय से अपनी बीमारी छिपाने का आरोप लगता रहा है। हालांकि, इन वीडियो में वह अपनी स्ट्रॉन्गमैन वाली छवि दिखाने में नाकाम रहे हैं। साथ ही इस तरह के हावभाव ने उनकी बीमारी को लेकर एक बार फिर नई अफवाहों को हवा दे दी है।
क्या हिटलर भी पार्किंसन की बीमारी से पीड़ित था
पुतिन जिस तरह इन वीडियो में निराश, दर्द में डूबे और विचलित दिखाई दे रहे हैं। ये दृश्य जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर के वीडियो की याद दिलाते हैं। इस वीडियो में दिखाया गया है कि सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान जब जर्मनी को हार का सामना करना पड़ रहा था तब इस वीडियो में हिटलर की खराब होती सेहत को दिखाया गया है।
अप्रैल 1945 में हिटलर को अपने अंतिम समय में आखिरी बार बर्लिन में बंकर के बाहर देखा गया था। इस दौरान एक प्रोपेगैंडा वीडियो को भी शूट किया गया था। इस वीडियो में हिटलर को अपने युवा सैनिकों में जोश भरते हुए दिखाया गया।
3 दशक बाद मिले वीडियो में कांप रहा था हिटलर का हाथ
इस वीडियो के जरिए यह दिखाने की कोशिश थी कि अभी जर्मनी की कमान हिटलर के हाथों में है, जबकि सोवियत यूनियन उस समय जर्मनी की राजधानी बर्लिन में अपना कब्जा जमा चुका था। हालांकि, इस वीडियो के महत्वपूर्ण हिस्से को जानबूझकर काट दिया गया था। इस घटना के 3 दशक बाद पूर्वी जर्मनी की एक फिल्म लैबोरेटरी में इसका एडिटेड हिस्सा मिला था। इसमें हिटलर का बायां हाथ काफी तेजी से हिलता हुआ देखा जा सकता है। बंकर के बाहर सैन्य अफसरों के अभिवादन के दौरान हिटलर ने अपना बायां हाथ पीछे अपनी पीठ के पास लगा रखा था और वो काफी तेजी से कांप रहा था।
1944 के बम हमले में बचने के बाद ठीक हो गया था हिटलर का हाथ
कई इतिहासकारों का मानना है कि जब यह वीडियो फिल्माया गया था, तब हिटलर को पार्किंसन रोग था। सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ी इस बीमारी से पीड़ित होने पर व्यक्ति के हाथों में कंपन होने लगता है। 2014 में ब्रिटिश इतिहासकार रिचर्ड इवांस ने खुलासा किया कि कैसे हिटलर में युद्ध में पहले बीमारी के लक्षण दिखने शुरू हो गए थे। इवांस का कहते हैं कि शुरू में हिटलर का बायां हाथ कांपता था, लेकिन 1944 में बम के हमले में बचने के बाद ये सही हो गया था।
डॉक्टर का था दावा- शेकिंग पाल्सी से पीड़ित था हिटलर
इवांस बताते हैं कि इसके कुछ दिनों बाद ही हिटलर के दाएं हाथ में कंपकंपी होनी शुरू हो गई थी। हिटलर के पैर भी हिलने लगे थे। ये लक्षण उनकी मौत होने तक थे।
मौजूदा रिकॉर्ड से पता चलता है कि जर्मन तानाशाह के डॉक्टर थियोडोर मोरेल ने पहली बार 1941 में हाथ में कंपकंपी को नोट किया था। युद्ध के अंतिम दिनों के दौरान मोरेल ने निष्कर्ष निकाला कि हिटलर शेकिंग पाल्सी से पीड़ित था। इसे ही पार्किंसन रोग कहते हैं। अप्रैल 1945 में हिटलर अपने अंतिम समय में आखिरी बार बर्लिन में बंकर के बाहर देखा गया था। इस एक वीडियो जारी हुआ था लेकिन 3 दशक बाद जब इसका ओरिजिनल वीडियो मिला तो उसमें सैन्य अफसरों के साथ मिलने के दौरान हिटलर ने अपना बायां हाथ पीठ की तरफ कर रखा था और वो लगातार कांप रहा था।
पुतिन की इन बीमारियों को लेकर भी उड़ चुकी हैं अफवाहें
पुतिन की सेहत को लेकर रूसी प्रशासन ने बहुत अधिक गोपनीयता बरती है। इसी कारण मीडिया पुतिन की सेहत के बारे में उनके फोटो और वीडियो के जरिए कयास लगाता रहता है। ऐसी अफवाहें अक्सर उड़ती रही हैं कि पुतिन को थायरॉयड का कैंसर है, या फिर कमर की समस्या है अथवा साइकोसिस है।
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मॉस्को के सेंट्रल क्लिनिकल अस्पताल के सर्जन येवगेनी सेलिवानोव काला सागर तट पर स्थित पुतिन के महल में उनसे मिलने के लिए 35 बार जा चुके हैं। सेलिवानोव थायरॉयड कैंसर के विशेषज्ञ हैं।
नवंबर 2020 में पॉलिटिकल एनालिस्ट वलेरी सोलोवी ने कैंसर और पार्किंसन रोग थ्योरी का खुलासा किया था। सोलोवी ने दावा किया था कि पुतिन इमरजेंसी सर्जरी भी करवा चुके हैं। वहीं दूसरी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सर्जरी दरअसल कैंसर का ऑपरेशन थी। हालांकि रूसी प्रशासन पुतिन की सेहत संबंधी दावों को खारिज करता रहा है।
यूक्रेन युद्ध के बाद ये कयास और तेज हो गए हैं कि पुतिन मौत के मुहाने पर हैं। कई एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया है कि पुतिन अपनी विरासत मजबूत करने के लिए यूक्रेन पर हमला कर रहे हैं।
क्या होता है पार्किंसन रोग ?
पार्किंसन रोग एक तरह का मानसिक रोग है। इसमें व्यक्ति को चलने में परेशानी होना, शरीर में कंपन, कठोरता, तालमेल और संतुलन आदि की समस्याएं होती हैं।
बीमारी से जुड़ी रिसर्च में सामने आया कि पार्किंसन रोग की शुरुआत साधारण रोग के जैसी ही होती है और कुछ वक्त के बाद ये गंभीर रूप में तब्दील हो जाती हैं।
पार्किंसन रोग के लक्षणों में सबसे प्रमुख लक्षण शरीर में कंपकपी होना है। उंगली, हाथ आदि शरीर के छोटे अंगों से इसकी शुरुआत होती है और फिर कुछ वक्त बाद ये पूरे शरीर में फैल जाती है।पार्किंसन फाउंडेशन के मुताबिक, दुनियाभर में पार्किंसन के करीब 1 करोड़ मरीज हैं। वहीं पुरुषों में महिलाओं की तुलना में पार्किंसन रोग होने की संभावना 1.5 गुना अधिक होती है।