रूस और यूक्रेन के बीच करीब 2.5 साल से लगातार जंग जारी है। हालांकि, अब तक इस जंग का कोई भी नतीजा सामने नहीं आया है। अब इस जंग के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐसा कदम उठाया है जिससे पूरी दुनिया में हंगामा मच गया है। दरअसल, रूस ने अपनी परमाणु नीति में बड़ा बदलाव किया है। पुतिन ने बुधवार को बताया है कि किसी अन्य देश द्वारा हमला किए जाने का समर्थन करने वाले परमाणु शक्ति संपन्न देश को मास्को के परमाणु सिद्धांत के नए संस्करण के तहत आक्रमण में भागीदार माना जाएगा। आपको बता दें कि अब तक यूक्रेन को अमेरिका समेत कई नाटो देश हथियारों की सप्लाई कर रहे थे। हालांकि, रूस के परमाणु नीति को बदलना के कदम से रूस और नाटो के बीच सीधे टकराव का खतरा बढ़ गया है।
पुतिन ने क्या ऐलान किया?
एएफपी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट की मानें तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने परमाणु हथियार के उपयोग पर रूस के नियमों को व्यापक बनाने की योजना की घोषणा की है। इससे रूस को बड़े हवाई हमले की स्थिति में परमाणु प्रतिक्रिया शुरू करने की अनुमति मिल सकेगी।
व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस पर किसी परमाणु शक्ति संपन्न देश के समर्थन से कोई गैर-परमाणु शक्ति वाला देश हमला करता है तो इसे रूसी संघ पर उनके संयुक्त हमले के रूप में देखा जाएगा। बता दें कि इससे पहले भी पुतिन ने अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन को चेतावनी दी थी। पुतिन ने कहा था कि यूक्रेन को रूस पर हमले के लिए पश्चिमी देशों द्वारा आपूर्ति किए गए हथियारों का उपयोग करने की अनुमति देने का मतलब होगा कि रूस और नाटो के बीच युद्ध चल रहा है।
अब तक क्या था परमाणु सिद्धांत?
रूस का अब तक का परमाणु सिद्धांत ये था कि वह अपने और अपने सहयोगियों के विरुद्ध परमाणु और अन्य प्रकार के हथियारों के उपयोग के जवाब में परमाणु बम का इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि, संशोधित संस्करण में परमाणु हथियारों के उपयोग की स्थितियों को अधिक विस्तार से बताया गया है। इसमें कहा गया है कि परमाणु बम का उपयोग विमान, क्रूज मिसाइलों या ड्रोनों से बड़े पैमाने पर हवाई हमले की स्थिति में किया जा सकता है। (इनपुट: भाषा)
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