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इंग्लैंड के साउथ पोर्ट में चाकू से हमले में 3 बच्चियों की मौत के बाद हिंसक प्रदर्शन, दर्जनों लोग गिरफ्तार

ब्रिटेन में 3 बच्चियों की चाकू मार कर हत्या किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शनों ने जोर पकड़ लिया है। पूरे ब्रिटेन में हिंसा हो रही है। इस दौरान आज 87 लोगों की गिरफ्तारी की गई है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: August 04, 2024 17:19 IST
इंग्लैंड में प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करती पुलिस। - India TV Hindi
Image Source : REUTERS इंग्लैंड में प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करती पुलिस।

लंदन: इंग्लैंड के साउथ पोर्ट में बच्चों की डांस क्लास में किए गए चाकू से हमले में 3 बच्चियों की मौत की वजह से फैले अक्रोश ने लोगों को सड़कों पर ला दिया। भड़के लोगों ने इंग्लैंड में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया है। इंग्लैंड और उत्तरी आयरलैंड के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। इसके बाद पुलिस ने दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया। सरकार ने उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है, जिनके बारे में कहा गया है कि वे अव्यवस्था फैलाने के लिए तीन लड़कियों की हत्या के बहाने फायदा उठा रहे हैं।

बता दें कि पिछले हफ्ते उत्तर-पश्चिम इंग्लैंड के साउथपोर्ट में बच्चों की डांस क्लास में चाकू से हमला हुआ था। इसमें तीन लड़कियों की मौत हो गई थी। इसके बाद ब्रिटेन भर के कस्बों और शहरों में सैकड़ों आप्रवास विरोधी समूहों के हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। पहले गलत सूचना फैलाई गई कि संदिग्ध एक कट्टरपंथी इस्लामी प्रवासी था। मगर बाद में उसे प्रदर्शनकारियों ने ही पकड़ लिया। पुलिस के अनुसार संदिग्ध हत्यारे का जन्म ब्रिटेन में हुआ था। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि उसका परिवार ईसाई था।

देश भर में 87 लोग गिरफ्तार

पुलिस के अनुसार शनिवार को, लिवरपूल, ब्रिस्टल, हल और स्टोक-ऑन-ट्रेंट के साथ-साथ ब्लैकपूल शहर सहित देश भर के शहरों में हिंसक अव्यवस्था फैल गई। इस दौरान कम से कम 87 लोगों को गिरफ्तार किया है। मैनचेस्टर और बेलफ़ास्ट में भी अशांति का आलम था। पुलिस के बयानों में कहा गया है कि दुकानों और व्यवसायों में तोड़फोड़ और लूटपाट की गई। लिवरपूल में एक पुस्तकालय में आग लगा दी गई और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। आंतरिक मंत्री यवेटे कूपर ने शनिवार देर रात कहा, "हमारी सड़कों पर आपराधिक हिंसा और गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।" अव्यवस्था में शामिल आपराधिक लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देने में पुलिस बलों को मेरा पूरा समर्थन है। 

पीएम ने कही ये बात

प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा है कि ये वैध विरोध नहीं है, बल्कि इसमें "उन व्यक्तियों का समूह शामिल है, जो पूरी तरह से हिंसा पर आमादा हैं"। यह दूर-दराज़ के लोगों द्वारा जानबूझकर की गई कार्रवाइयों का परिणाम है। आखिरी बार पूरे ब्रिटेन में हिंसक विरोध प्रदर्शन 2011 में हुआ था, जब लंदन में पुलिस की गोली से एक अश्वेत व्यक्ति की मौत के बाद हजारों लोग सड़कों पर उतर आए थे। सोशल मीडिया पर प्रसारित संदेशों के आधार पर रविवार को और अधिक प्रदर्शनों की योजना बनाई गई थी। (रॉयटर्स)

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