Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. यूरोप
  4. भारत-कनाडा राजनयिक विवाद पर ब्रिटेन और अमेरिका ने बदला रुख, कही ये अहम बात

भारत-कनाडा राजनयिक विवाद पर ब्रिटेन और अमेरिका ने बदला रुख, कही ये अहम बात

भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन ने चिंता जाहिर की है। इस मामले में दोनों देशों ने भारत और कनाडा को संतुलन बनाए रखने किए लिए कहा है। साथ ही खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत से सहयोग करने के लिए कहा है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Oct 21, 2023 11:39 IST, Updated : Oct 21, 2023 11:59 IST
पीएम मोदी और कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो।
Image Source : AP पीएम मोदी और कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो।

भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद गहराने पर ब्रिटेन और अमेरिका ने चिंता व्यक्त की है। इस मामले में यूएस और यूके का रुख कनाडा की ओर दिखा। दोनों देशों ने कहा कि वह भारत को अपने मुख्य एशियाई प्रतिद्वंदी चीन के प्रति संतुलन के रूप में देखते हैं, इसलिए वह अपने संबंधों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते। संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन ने शुक्रवार को भारत से आग्रह किया कि वह कनाडा पर भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने पर जोर न दे। एक सिख अलगाववादी की हत्या पर विवाद के बीच ओटावा द्वारा 41 राजनयिकों को बाहर निकालने पर चिंता व्यक्त की।

बता दें कि कनाडा ने जून में वैंकूवर उपनगर में कनाडाई नागरिक और खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया है। भारत ने आरोप से इनकार किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति को काफी कम करने की कनाडा सरकार की मांग के जवाब में, हम कनाडा के राजनयिकों के भारत से जाने से चिंतित हैं।" मतभेदों को सुलझाने के लिए ज़मीनी स्तर पर राजनयिकों की आवश्यकता होती है। हमने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह कनाडा की राजनयिक उपस्थिति में कटौती पर जोर न दे और कनाडा में चल रही जांच में सहयोग करे।

अमेरिका ने कही ये बात

मिलर ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि भारत राजनयिक संबंधों पर 1961 वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को बरकरार रखेगा, जिसमें कनाडा के राजनयिक मिशन के मान्यता प्राप्त सदस्यों को प्राप्त विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियों के संबंध में भी शामिल है। वाशिंगटन ने कहा है कि उसने कनाडा के आरोपों को गंभीरता से लिया है और लंदन के साथ-साथ भारत से हत्या की जांच में कनाडा के साथ सहयोग करने का आग्रह किया है, जबकि पश्चिमी शक्तियां भारत की खुले तौर पर निंदा करने में अनिच्छुक रही हैं। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका और ब्रिटेन भारत के साथ संबंधों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं, जिसे वे अपने मुख्य एशियाई प्रतिद्वंद्वी चीन के प्रति संतुलन के रूप में देखते हैं। लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग और ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के शुक्रवार के बयान इस मामले में वाशिंगटन और लंदन द्वारा नई दिल्ली की अब तक की सबसे सीधी आलोचना रहे हैं।

ब्रिटेन ने कहा भारत के फैसलों से सहमत नहीं

ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम भारत सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से सहमत नहीं हैं, जिसके परिणामस्वरूप कई कनाडाई राजनयिकों को भारत छोड़ना पड़ा।" निज्जर की हत्या पर कनाडा के आरोपों के बाद नई दिल्ली ने पिछले महीने ओटावा को अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने के लिए कहा था, जिसके बाद कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों को वापस बुला लिया। कनाडा ने शुक्रवार को कहा कि वह कई भारतीय शहरों में वाणिज्य दूतावासों में व्यक्तिगत संचालन को अस्थायी रूप से निलंबित कर रहा है और वीजा प्रसंस्करण में देरी की चेतावनी दी है। ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने वियना कन्वेंशन का भी हवाला दिया। इसमें कहा गया, "राजनयिकों की सुरक्षा प्रदान करने वाले विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियों को एकतरफा हटाना वियना कन्वेंशन के सिद्धांतों या प्रभावी कामकाज के अनुरूप नहीं है।"

यह भी पढ़ें

इजरायल और यूक्रेन के लिए अमेरिका ने खोला खजाने का पिटारा, इतने अरब डॉलर मदद देने का ऐलान

मानवीयता से पिघला आतंकियों का दिल या बाइडेन से डरा हमास? 2 अमेरिकी बंधकों को ये कहकर किया मुक्त

 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Europe News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement