Sunday, December 22, 2024
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अमेरिका ने कहा-यूक्रेन युद्ध नहीं है समझौते के लायक, सिर्फ भारत से आम सहमति बना पाने की उम्मीद

रूस-यूक्रेन युद्ध को 16 महीने गुजर चुके हैं। मगर दुनिया का कोई भी देश यूक्रेन और रूस में समझौता कराने में सफल नहीं हो सका है। ऐसे में अमेरिका ने अब यह मान लिया है कि ये मुद्दा समझौते के लायक नहीं रह गया है। मगर अमेरिका को अब भी उम्मीद है कि सिर्फ भारत ऐसा देश है जो इस आम सहमति बना सकता है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Aug 26, 2023 13:20 IST, Updated : Aug 26, 2023 13:20 IST
एरिक गारसेट्टी, भारत में अमेरिकी राजदूत।
Image Source : AP एरिक गारसेट्टी, भारत में अमेरिकी राजदूत।

पुतिन के युद्ध का खात्मा करने के ऐलान के बावजूद इसका कोई अंत होता दिखाई नहीं दे रहा है। चीन से लेकर साउथ अफ्रीका तक और एशिया के कई अन्य देश भी रूस के सामने समझौते का प्रस्ताव रख चुके हैं। मगर रूस-यूक्रेन में अब तक कोई समझौता नहीं हो सका है। ऐसे में अमेरिका को लगने लगा है कि यह युद्ध अब समझौते से समाप्त नहीं हो सकता है। भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गारसेट्टी ने रूस-यूक्रेन युद्ध को गैर-समझौता योग्य करार दिया है। एरिक का कहना है कि अब यह युद्ध समझौते के लायक नहीं रह गया है। मगर गारसेट्टी ने उम्मीद जताई है कि अभी भी भारत एक मात्र ऐसा देश है, जो रूस-यूक्रेन युद्ध टालने को लेकर आम सहमति बना सकता है। बाकियों से कोई उम्मीद नहीं रह गई है।

अमेरिकी राजदूत ने भारत द्वारा जी-20 की सफलत अध्यक्षता करने और एक-दो देशों की स्थिति से प्रभावित हुए बिना आगे बढ़ने की पहल की जबरदस्त सराहना की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका समेत समूह के अन्य सभी सदस्यों के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध गैर-समझौता योग्य था। भारत द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध पर गतिरोध तोड़ने के आखिरी प्रयासों पर गारसेट्टी ने कहा कि कुछ सिद्धांतों के लिए लड़ना चाहिए। क्योंकि अगर हम संप्रभुता की अनदेखी करके अकारण आक्रामकता और सीमा पार करने के खिलाफ खड़े नहीं होते हैं तो फिर हम किसके लिए खड़े हैं। गारसेट्टी ने उम्मीद जताई की भारत यही संदेश देने में सक्षम होगा। सिर्फ भारत ही वह देश है, जो इस पर आम सहमति बना सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश के खिलाफ असहमति के लिए एत तंत्र के साथ सहमति बनानी होती है, जो देश उसकी अवहेलना करना चाहते हैं। इसके अलावा गारसेट्टी ने भारत द्वारा रूस को काला-सागर अनाज समझौते के लिए फिर से आने के लिए कहना, भारत-चीन वार्ता,राष्ट्रपति बाइडेन की आगामी भारत यात्रा समेत अन्य मुद्दों पर भी बातचीत की।

भारत की जी-20 अध्यक्षता को लेकर कही ये बात

गारसेट्टी ने अब तक भारत की जी-20 अध्यक्षता को लेकर जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि मुझे हैरानी कि भारत ने अब तक 60 शहरों में सबसे महत्वाकांक्षी जी-20 एजेंडा तैयार किया है। इसमें काफी प्रगति भी देखी गई है। जिन चीजों पर हम सहमत होते हैं, उनमें उच्च स्तर का विश्वास है। जैसे कर्ज, गरीबी, अर्थव्यवस्था, जलवायु, विज्ञान जैसे मुद्दों पर उल्लेखनीय प्रगति और सहमति होगी। उन्होंने कहा कि इस पर मैं भविष्यवाणी तो नहीं कर सकता कि अन्य देश इन मुद्दों पर क्या करेंगे। मगर मैं भारत की कूटनीति, शक्ति और उसके सैद्धांतिक रुख की सराहना करता हूं। यह आगे बढ़ने के लिए एक रास्ता है और किसी भी देश को इसमें पीछे नहीं हटना चाहिए।

भारत की सकारात्मक भागीदारी पर पूरी भरोसा

अमेरिकी राजदूत ने कहा कि रूस-यूक्रेन के मुद्दे पर हम भारत की सकारात्मक भागीदारी देख रहे हैं। मुझे भारत से उम्मीद है कि वह संदेश देने में सक्षम होगा। मगर रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा सिर्फ अमेरिका के लिए ही गैर-समझौता योग्य नहीं है, बल्कि जी-20 के अन्य देशों के लिए भी यही स्थिति है। क्योंकि हम सभी सिद्धांतों के लिए लड़ रहे हैं। मुझे आशा है कि भारत यह संदेश सभी को देने में सक्षम हो सकेगा। बाकी देश क्या करते हैं इससे फर्क नहीं पड़ता। मगर भारत जी-20 का अध्यक्ष है, इसलिए उससे सभी को उम्मीद है।

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