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अमेरिका की गिरफ्त में जाएंगे असांजे? ब्रिटेन की कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

निचली अदालत ने कहा था कि यदि असांजे को प्रत्यर्पित किया गया तो अपनी कमजोर मानसिक स्थिति के चलते उनके आत्महत्या करने का खतरा है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 10, 2021 19:40 IST
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Image Source : AP ब्रिटेन के लंदन हाई कोर्ट ने जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने का रास्ता खोल दिया है।

Highlights

  • ब्रिटेन के लंदन उच्च न्यायालय ने जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने का रास्ता खोल दिया है।
  • असांजे 2010 और 2011 में हजारों गोपनीय सैन्य और राजनयिक दस्तावेजों के प्रकाशन के मामले में अमेरिका में वांछित हैं।
  • हाई कोर्ट के आज आए फैसले का मतलब है कि अमेरिकी अधिकारियों ने अपील संबंधी मुकदमे की लड़ाई जीत ली है।

लंदन: ब्रिटेन के लंदन उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए जूलियन असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने का रास्ता खोल दिया है। निचली अदालत ने विकीलीक्स के संस्थापक के मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते हुए प्रत्यर्पण के अमेरिकी अनुरोध को खारिज कर दिया था। 50 वर्षीय असांजे 2010 और 2011 में हजारों गोपनीय सैन्य और राजनयिक दस्तावेजों के प्रकाशन के मामले में अमेरिका में वांछित हैं।

‘असांजे के आत्महत्या करने का खतरा है’

इस साल की शुरुआत में निचली अदालत के एक जज ने विकीलीक्स द्वारा एक दशक पहले गुप्त सैन्य दस्तावेजों का प्रकाशन किए जाने के मामले में जासूसी के आरोपों का सामना कर रहे असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित करने के अमेरिकी अनुरोध को खारिज कर दिया था। निचली अदालत ने कहा था कि यदि असांजे को प्रत्यर्पित किया गया तो अपनी कमजोर मानसिक स्थिति के चलते उनके आत्महत्या करने का खतरा है। हाई कोर्ट के आज आए फैसले का मतलब है कि अमेरिकी अधिकारियों ने अपील संबंधी मुकदमे की लड़ाई जीत ली है।

‘आत्महत्या का जोखिम कम करने के कदम उठाएंगे’
इन अधिकारियों ने अदालत को पुन: आश्वस्त किया कि वे असांजे से संबंधित आत्महत्या के जोखिम को कम करने के लिए उचित कदम उठाएंगे। जनवरी में जिला न्यायाधीश वैनेसा बारैत्सेर ने कहा था कि असांजे का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है और इसलिए उन्हें प्रत्यर्पित किया जाना उचित नहीं होगा क्योंकि ऐसा करने से उनके आत्महत्या करने की आशंका है। असांजे पर अमेरिका में जासूसी के 17 आरोप और कंप्यूटर के दुरुपयोग संबंधी एक आरोप लगाया गया है। इन आरोपों में दोषी पाए जाने पर अधिकतम 175 साल तक की कैद हो सकती है।

2019 से असांजे बेलमार्श जेल में हैं
चीफ जस्टिस लॉर्ड बर्नेट और जस्टिस लॉर्ड होलोयडे ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया। असांजे की मंगेतर स्टेला मोरिस ने कहा कि उनका इरादा हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का है। पुलिस द्वारा इक्वाडोर के दूतावास से बाहर लाए जाने के बाद 2019 से असांजे बेलमार्श जेल में हैं। इसके बाद, उन्हें जमानत शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। वह यौन अपराध के आरोपों का सामना करने के लिए स्वीडन प्रत्यर्पित किए जाने से बचने के लिए 2012 से दूतावास में रह रहे थे। यौन अपराध के आरोपों का उन्होंने हमेशा खंडन किया और अंततः इन्हें वापस ले लिया गया था। (भाषा)

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