कीवः रूस-यूक्रेन युद्ध के करीब ढाई वर्ष हो चुके हैं। इस दौरान पहली बार अब यूक्रेन की सेना रूस में घुस गई है। इससे रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन में हलचल पैदा हो गई है। दोनों देशों की सेनाओं में सीमा क्षेत्र में पिछले 36 घंटे से भीषण युद्ध जारी है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने देश के दक्षिण-पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी घुसपैठ को ‘बड़ा उकसावा’ बताया है। क्रेमलिन के अधिकारियों ने कहा कि रूस दूसरे दिन सीमापार छापों का मुकाबला कर रहा है। वहीं यूक्रेन के अधिकारियों ने इस अभियान के दायरे पर चुप्पी साध रखी है।
यूक्रेन की सेना घुसपैठ के बाद रूस के असैन्य भवनों, आवासीय इमारतों, एंबुलेंसों पर विभिन्न प्रकार के हथियारों से अंधाधुंध गोलाबारी’’ कर रही है। इसका दावा खुद पुतिन की ओर से किया गया है। यूक्रेन के आक्रामक हमले के बाद पुतिन ने अपने शीर्ष रक्षा एवं सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की है। इसके बाद उन्होंने यूक्रेनी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने का निर्देश दिया है। उन्होंने मंत्रिमंडल को कुर्स्क क्षेत्र में सहायता के सिलसिले में तालमेल कायम करने का निर्देश दिया। यह लड़ाई मास्को से करीब 500 किलोमीटर की दूरी पर चल रही है।
रूस ने 100 यूक्रेनी सैनिकों को ढेर करने का किया दावा
रूसी समाचार एजेंसियों ने खबर दी है कि रूसी सेना प्रमुख वालेरी गेरासिमोव ने वीडियो लिंक के माध्यम से बैठक में हिस्सा लेते हुए पुतिन से कहा कि इस लड़ाई में करीब 100 यूक्रेनी सैनिक मारे गये हैं तथा 200 से अधिक घायल हुए हैं। रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाकारोवा ने एक बयान में कहा कि यूक्रेनी गोलाबारी में दो लोगों -- एक अर्धचिकित्साकर्मी एवं एक एंबुलेंस चालक-- की मौत हो गयी। वैसे रूसी दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि करना संभव नहीं है। यह युद्ध का यह तीसरा साल है, उसमें दुष्प्रचार और मिथ्याप्रचार ने केंद्रीय भूमिका निभाई है।
इससे पहले कुर्स्क सीमावर्ती क्षेत्र के कार्यवाहक गवर्नर एलेक्सी स्मीरनोव ने भीषण लड़ाई के कारण बुधवार को लोगों से रक्तदान करने की अपील की थी। स्मीरनोव ने ‘टेलीग्राम’ ऐप पर लिखा था,‘‘ पिछले 36 घंटे से हमारा क्षेत्र यूक्रेनी लड़ाकों के हमलों का डटकर मुकाबला कर रहा है।’ (एपी)
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