Highlights
- दक्षिणी यूक्रेन स्थित न्यूक्लियर प्लांट से 300 मीटर दूर गिरी मिसाइल
- परमाणु ऊर्जा संयंत्र का रिक्टर हमले से बाल-बाल बचा
- रिक्टर क्षतिग्रस्त होने से नाभिकीय विकिरण रिसाव का खतरा
Russia-Ukraine War Update: यूक्रेन से मुकाबले में खुद को पिछड़ता देख रूस ने यूक्रेन पर चौतरफा बमों और मिसाइलों की बरसात करके फिर से हाहाकार मचा दिया है। इससे यूक्रेन में खलबली मच गई है। करीब सात माह से चल रहे युद्ध में इन दिनों रूस ठंडा पड़ गया था। हालत ये हो गई कि उसके काफी सैनिक मैदान छोड़कर भागने लगे थे। यूक्रेन ने खार्कीव, कुपियांस्क जैसे कई शहरों से रूसी सैनिकों को हाल ही में खदेड़ दिया। इसके बाद अब रूस फिर से आक्रामक हो गया है। यूक्रेन का परामणु ऊर्जा संयंत्र दोबारा से रूस के निशाने पर है।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार रूस की एक मिसाइल सोमवार को तड़के यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा संयंत्र के बिल्कुल करीब आकर गिरी। वह तो गनीमत थी कि संयंत्र के ऊपर नहीं गिरी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। मगर जिस तरह से रूस ने अपना हमला बीते 24 घंटों में तेज किया है, उससे यूक्रेन के लिए परमाणु संयंत्र की रक्षा करना बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण (आइएईए) के कर्मचारी भी पहले से ही इसकी सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। यह परमाणु संयंत्र यूक्रेन के दक्षिण में स्थित है, जिसे रूस पहले भी निशाना बना चुका है। इस संयंत्र को पहले ही रूसी हमले से बहुत ज्यादा नुकसान पहुंच गया है। इसे लेकर अमेरिका समेत आइएईए और अन्य देशों ने गहरी चिंता जताई थी। क्योंकि अगर परमाणु संयंत्र पर मिसाइल गिरी तो इससे होने वाले नाभिकीय विकिरण में अन्य देश भी चपेट में आएंगे। इससे पड़ोसी देशों में बड़ा खतरा पैदा हो कता है।
हमले में बाल-बाल बचा परमाणु का रिक्टर
रूसी मिसाइल के हमले से परमाणु ऊर्जा संयंत्र की निगरानी कर रहे सुरक्षा बलों में अफराफरी मच गई। हालांकि परमाणु ऊर्जा संयंत्र के रिक्टर को इस हमले से कोई नुकसान नहीं पहुंचा, क्योंकि मिसाइल संयंत्र के बिल्कुल करीब में गिरी। लेकिन यूक्रेन के सैन्य बलों के अनुसार इस हमले से कई औद्यौगिक उपकरणों को भारी नुकसान पहुंचा है।
रूस पर परमाणु आतंकवाद फैलाने का आरोप
यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा संचालक एनरगोएटम ने इस संयंत्र पर रूस द्वारा मिसाइल से हमला किए जाने को परमाणु आतंकवाद बताया है। उनका कहना है कि रूस परमाणु आतंकवाद फैला रहा है। उन्होंने रूस के इस हमले की कड़ी निंदा भी की है। उन्होंने बताया कि रूस की मिसाइल परमाणु ऊर्जा संयंत्र से 300 मीटर दूर गिरी, जिसके बाद भीषण विस्फोट में परिसर में स्थित 100 से ज्यादा मकानों के खिड़कियों के शीशे टूट गए। लोग इससे दहशत में आ गए। यह मिसाइल यूक्रेन के दक्षिणी माइकोलैव क्षेत्र के आद्यौगिक परिसर में गिरी।
यूक्रेन ने बंद किया पनबिजली संयंत्र
यूक्रेन ने रूस के इस हमले के बाद एहतियात बरतते हुए अपने पनबिजली संयंत्र को भी बंद कर दिया है। नाभिकीय रिक्टर को कोई नुकसान नहीं पहुंचने से यूक्रेन फिलहाल राहत की सांस ले रहा है। मगर संयंत्र के आसपास मिसाइलों और बमों की निगरानी बढ़ा दी गई है। साथ ही उसे हवा में ही नष्ट करने वाले उपकरण भी लगाए जा रहे हैं। अभी तक रूस की इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर गिरी मिसाइल तो क्या होगा
वैज्ञानिकों के अनुसार अगर परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर मिसाइल गिरती है तो इसके नाभिकीय रिक्टर के नष्ट होने का खतरा होगा। ऐसे में नाभिकीय विकिरण निकलेंगे। एक तरह से यह परमाणु हमले का रूप ले लेगा। इसमें से निकलने वाले खतरनाक नाभिकीय विकिरण से आसपास के लोगों की मौत हो सकती है। साथ ही पड़ोसी देशों तक इस विकिरण का रिसाव हो सकता है। इससे कई पीढ़ियों के बर्बाद होने का खतरा रहेगा। जैसा कि जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में अमेरिका के परमाणु हमले से हुआ था। इसलिए दुनिया के सभी देश रूस को परमाणु संयंत्र पर हमला न करने की अपील कर रहे हैं।