यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन जपरोवा 9 अप्रैल से भारत की चार दिवसीय यात्रा पर आ रही हैं। वह ऐसे वक्त में भारत की यात्रा कर रही हैं, जब रूस के साथ यूक्रेन को युद्ध करते 1 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है और अभी तक इसके खात्मे का कोई रास्ता दिखता नजर नहीं आ रहा। ऐसे वक्त में अब आखिरकार यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपनी उप विदेश मंत्री को भारत क्यों भेजा है? जेलेंस्की को पीएम मोदी से क्या उम्मीदें हैं, आइए आपको बताते हैं।
दरअसल जेलेंस्की को पता है कि भारत इस वक्त दुनिया का सबसे मजबूत और भरोसेमंद लोकतंत्र है। साथ ही उन्हें यह भी पता है कि भारत रूस का पुराना साथी है। पीएम मोदी दुनिया के प्रभावशाली नेता हैं। उनकी और पुतिन की दोस्ती भी जगजाहिर है। यदि पीएम मोदी पुतिन से बातचीत करें तो युद्ध के खात्मे का कोई ना कोई रास्ता जरूर निकल आएगा। जेलेंस्की ने शायद इसी उम्मीद से अपनी प्रथम उपदेश मंत्री को भारत भेजा है। आइए जानते हैं कि उनकी यात्रा का पूरा कार्यक्रम क्या है?
यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री 9 अप्रैल को आएंगी भारत
यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन जपरोवा रविवार से भारत की चार दिवसीय यात्रा करेंगी। जपरोवा विदेश मंत्रालय (एमईए) में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा के साथ बातचीत करेंगी। उम्मीद है कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यूक्रेन की यात्रा का निमंत्रण दे सकती हैं। विदेश मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में जपरोवा की भारत यात्रा की घोषणा की। इसमें कहा गया है, ‘‘यूक्रेन की विदेश मामलों की प्रथम उप मंत्री एमीन जपरोवा नौ से 12 अप्रैल तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगी।’ जपरोवा वर्मा के साथ बातचीत करेंगी, जिस दौरान दोनों पक्षों के द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने, यूक्रेन की मौजूदा स्थिति और आपसी हित के वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किये जाने की उम्मीद है।
यात्रा से मजबूत होंगे दोनों देशों के रिश्ते
जपरोवा विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से भी मुलाकात करेंगी और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विक्रम मिसरी से भी मुलाकात करेंगी। पिछले साल फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने पर, प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ही यूक्रेन के नेता वोलोदिमीर जेलेंस्की से कई बार बात की। भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है। भारत का कहना है कि संकट को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत यूक्रेन के साथ मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध और बहुमुखी सहयोग साझा करता है। बयान में कहा गया है, "कूटनीतिक संबंध स्थापित करने के पिछले 30 वर्षों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग ने व्यापार, शिक्षा, संस्कृति और रक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है।" उसने कहा, ‘‘यह यात्रा आपसी समझ और हितों को आगे बढ़ाने का एक अवसर होगी।