यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन तटस्थता की घोषणा करने और देश के बागी हुए पूर्वी इलाकों पर समझौता करने को तैयार है। उन्होंने यह घोषणा दोनों देशों के बीच मंगलवार को युद्ध रोकने लिए होने वाली अगले दौर की वार्ता से पहले की। हालांकि, जेलेंस्की ने दोहराया कि केवल रूसी नेता से आमने सामने की वार्ता से ही युद्ध समाप्त हो सकता है। इस बीच रूसी वार्ताकार इस्तांबुल पहुंच गए हैं।
यूक्रेन से अगली दौर की वार्ता करने के लिए रूसी प्रतिनिधि सोमवार को इस्तांबुल पहुंच गए। तुर्की की मीडिया ने यह जानकारी दी। तुर्की की निजी संवाद एजेंसी डीएचए ने बताया कि रूसी सरकार का विमान सोमवार को इस्तांबुल हवाई अड्डे पर उतरा। दोनों पक्षों का मंगलवार और बुधवार को वार्ता करने का कार्यक्रम है। इससे पहले वीडियो कांफ्रेंस तथा आमने-सामने की वार्ताएं युद्ध को रोकने के मुद्दे पर प्रगति करने में असफल रही थीं।
इस युद्ध में अबतक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 40 लाख यूक्रेनी नागरिकों को विस्थापित होना पड़ा है। एक स्वतंत्र रूसी मीडिया संस्थान को दिए साक्षात्कार में जेलेंस्की ने संभावित रियायत का संकेत देने के साथ यह भी कहा कि यूक्रेन की प्राथमिकता अपनी संप्रभुता को सुनिश्चित करने और मॉस्को को उनके देश के हिस्से को अलग करने से रोकना है जिसके बारे में कुछ पश्चिमी देशों का कहना है कि यह रूस का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा लेकिन, ‘सुरक्षा गारंटी और तटस्थता, हमारे देश का गैर परमाणु दर्जा कायम रखने के लिए हम तैयार हैं।’ रूस लंबे समय से मांग कर रहा है कि यूक्रेन पश्चिम के नाटो गठबंधन में शामिल होने की उम्मीद छोड़ दे क्योंकि मॉस्को इसे अपने लिए खतरा मानता है। जेलेंस्की ने यह भी जोर देकर कहा कि किसी भी समझौते में उसे सुरक्षा की गारंटी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा गांरटी और तटस्थता, हमारे देश के गैर परमाणु दर्जे को लेकर बात करने को हम तैयार हैं।’ जेलेंस्की ने पहले भी इन उपायों का सुझाव दिया था लेकिन इतने पुख्ता तरीके से अपनी बात नहीं की थी। माना जा रहा है कि जेलेंस्की की नवीनतम टिप्पणी से इस्तांबुल में होने वाली वार्ता को गति मिल सकती है।
इस साक्षात्कार को रूस ने प्रकाशित करने पर रोक लगा दी है जिसमें जेलेंस्की ने कहा, ‘हम रूसी संघ के राष्ट्रपति के साथ समझौता करेंगे और इस समझौते पर पहुंचने के लिए उन्हें बाहर आना होगा और मुझसे मिलना होगा।’ रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने सोमवार को कहा कि दोनों देशों के राष्ट्रपति मिल सकते हैं लेकिन तभी जब संभावित समझौते के अहम बिंदुओं पर बातचीत हो जाए।
उन्होंने कहा, ‘बैठक आवश्यक है लेकिन पहले हमें एक बार सभी अहम मुद्दों के समाधान के बारे स्पष्ट हो जाएं।’ लावरोव ने सर्वियन मीडिया को दिए साक्षात्कार में आरोप लगाया कि यूक्रेन केवल ‘अनुसरण वार्ता’ करना चाहता है जबकि रूस को ठोस नतीजे की जरूरत है।
जेलेंस्की ने अपने देश के लोगों के लिए रात को जारी वीडियो संदेश में कहा कि यूक्रेन वार्ता में ‘विलंब किए बिना’ शांति चाहता है। उन्होंने कहा, ‘यूकेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता बिना किसी शक के होनी चाहिए। जेलेंस्की ने सुझाव दिया कि डोनबास पर समझौता हो सकता है जो पूर्वी यूक्रेन का हिस्सा है और यहां कि अधिकतर आबादी रूसी भाषी है। इस क्षेत्र में रूस समर्थित अलगाववादी पिछले आठ साल से लड़ रहे हैं।'
रूस ने हाल में कहा था कि उसकी सेनाएं अब डोनबास इलाके पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। जेलेंस्की ने कहा कि शांति समझौते को यूक्रेन मतदाताओं के समक्ष जनमत संग्रह के लिए रखा जाना होगा लेकिन इसके लिए पहले रूसी सैनिकों की वापसी करनी होगी।
उन्होंने कहा, ‘सैनिकों की मौजूदगी में जनमत संग्रह संभव नहीं है। कोई भी जनमत संग्रह को वैध नहीं मानेगा अगर विदेशी फौजों की मौजूदगी देश में होगी।’ जेलेंस्की ने कहा कि संभावित समझौता रूस द्वारा अपने सैनिकों को 24 फरवरी को आक्रमण से पहले वाले स्थान पर ले जाने से हो सकता है।
उन्होंने कहा, ‘मैं महसूस कर सकता हूं कि रूसी सैनिकों के लिए इलाके को पूरी तरह छोड़कर जाना असंभव है।इससे तीसरा विश्वयुद्ध हो सकता है। मैं पूरी तरह से समझ सकता हूं। मुझे इसकी पूरी जानकारी है।’ जेलेंस्की ने कहा, ‘इसलिए मैं कह रहा हूं, हां, यह समझौता है, वापस जाएं जहां से इसकी शुरुआत हुई है और फिर डोनबास के मुद्दे का समाधान करने की कोशिश करें, डोनबास जटिल मुद्दा है।’
उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट नहीं है कि कैसे डोनबास पर समझौता करने से यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता रहेगी, रूस और यूक्रेन अन्य मुद्दों पर भी अलग हैं।’ अन्य घटनाक्रम इरपिन रूसियों से आजाद : महापौर राजधानी कीव के उत्तरपश्चिम स्थित उपनगर इरपिन के महापौर ने बताया कि राजधानी के कुछ इलाकों में भारी लड़ाई चल रही है।
उन्होंने दावा किया कि शहर को रूसी सैनिकों से ‘मुक्त’ करा लिया गया है। इरपिन ने उस समय ध्यान खींचा था जब एक तस्वीर सामने आई थी। इस तस्वीर में मां और उसके दो बच्चों की वहां से भागने के दौरान गोलाबारी में हुई मौत की थी।
अमेरिकियों की बढ़ी चिंता एसोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च के मुताबिक रूसी सैन्य कार्रवाई से अधिकतर अमेरिकी इस बात से चिंतित है कि अमेरिका भी इस संघर्ष में शामिल हो सकता है और इस दौरान उसे परमाणु हथियारों से निशाना बनाया जा सकता है।
जी-7 से रूस की मांग खारिज की जर्मनी के ऊर्जा मंत्री ने सोमवार को कहा कि दुनिया की सबसे अहम अर्थव्यवस्थाओं के संगठन जी-7 के सदस्यों ने प्राकृतिक गैस की कीमत रूबल में भुगतान करने की मांग खारिज कर दी है। अमेरिका तैनात कर रहा विमान अमेरिका रक्षा विभाग पेंटागन ने कहा कि वह नाटो की पूर्वी सीमा पर नौसेना के छह विमानों की तैनाती कर रहा है जो इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में पांरगत हैं।
उन्होंने बताया कि यूक्रेन में इस्तेमाल किए जाने वाले ये विमान जर्मनी में डेरा डालेंगे। सेना की खबरों पर रोक यूक्रेन ने सैनिकों और उनके साजोसमान की आवाजाही की खबर देने पर रोक लगा दी है। इसका उल्लंघन करने पर संवाददाता को आठ साल कैद की सजा हो सकती हैं। इस मामले में यूक्रेन का कानून यूक्रेनी और विदेशी पत्रकार में फर्क नहीं करता।