रूस और यूक्रेन के बीच करीब नौ महीने पहले 24 फरवरी को युद्ध शुरू हुआ था। मिसाइलों और टैंकों से शुरू हुई लड़ाई अब विध्वंसक ड्रोन से लड़ी जा रही है। ड्रोन न केवल मिसाइलों से सस्ते होते हैं बल्कि जमीन पर नुकसान पहुंचाने में भी ज्यादा कारगर साबित होते हैं। रूस जहां ईरान के घातक ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है, वहीं यूक्रेन ने अब एआई (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) ड्रोन विकसित कर लिया है। एक सैन्य विशेषज्ञ ने दावा किया कि ड्रोन अभी तक युद्ध में तैनात नहीं किए गए हैं, लेकिन "इसे रोका नहीं जा सकता"। अगर यूक्रेन द्वारा एआई से लैस ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है, तो यह पहले से मुश्किलों झेल रही रूसी सेना की परेशानी बढ़ा देगा।
यूक्रेन ने हाल में ही रूस के काला सागर बेड़े पर कई ड्रोन हमले किए थे। रूस का आरोप है कि इसमें नौ ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। युद्ध की शुरुआत में भी यूक्रेन ने तुर्की के टीबी-2 ड्रोन के साथ रूसी टैंकों के एक काफिले को कीव की ओर जाने से रोक दिया था। अब यूक्रेन की सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल यारोस्लाव होंचर ने यूक्रेन की समाचार एजेंसी UNIAN के साथ एक साक्षात्कार के दौरान यूक्रेन के नए हथियार के बारे में चौंकाने वाला दावा किया है।
जासूसी के लिए हो सकता है इस्तेमाल
इंटरव्यू में होंचर ने दावा किया कि यूक्रेन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस ड्रोन विकसित कर लिए हैं। ये ड्रोन मानव नियंत्रण के बिना लक्ष्य को ट्रैक और नष्ट कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी तकनीक का इस्तेमाल पहले से ही जासूसी के लिए किया जा रहा है, लड़ाकू मिशन सिर्फ अगला कदम है जिसे टाला नहीं जा सकता। अगर ड्रोन को दूर से नियंत्रित किया जाता है तो नियंत्रण संकेत संभावित रूप से जाम हो सकता है लेकिन एक ऑटोनॉमस ड्रोन को हराना बहुत मुश्किल है।
मशीन पहली बार लेगी इंसान की जान?
घातक ऑटोनॉमस ड्रोन कथित तौर पर पहले लीबिया में युद्ध के मैदान पर तैनात किए गए थे। लेकिन अगर यूक्रेन एआई ड्रोन क्षमता का आक्रामक रूप से उपयोग करता है, तो वह मशीन के हाथों मानव मृत्यु का पहला प्रामाणिक मामला हो सकता है। ऑटोनॉमस हथियारों के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय संधि करने का कई बार आह्वान किया गया है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र में इस संबंध में कोई प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया। अब यूक्रेन द्वारा ऐसे हथियारों का उपयोग संधि की मांगों के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन को कमजोर कर सकता है।
अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा यूक्रेन
विश्लेषकों का कहना है कि यूक्रेन अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहा है, इसलिए वह अपनी रक्षा के लिए हर संभव तरीके का इस्तेमाल कर सकता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि ऐसे हथियार अब युद्ध के मैदान में इस्तेमाल भी किए जा रहे हैं। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को उनके उपयोग के बारे में स्पष्ट नियम बनाने की आवश्यकता है। संयुक्त राष्ट्र को तुरंत यह तय करना चाहिए कि 'कौन से ऑटोनॉमस हथियार चिंता का कारण नहीं हैं' और 'किस हथियार पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की आवश्यकता है'।