तथाकथित रूप से रूस ने यूक्रेन के नीप्रो नदी पर बने बड़े डैम को जब से उड़ाया है, तब से कीव पर नई आफत आ पड़ी है। यूक्रेन के कई बड़े शहर और इलाके बाढ़ की भयंकर चपेट में हैं। इनमें से रूसी कब्जे वाला यूक्रेनी शहर ओलेस्की भी है। यूक्रेन का आरोप है कि ओलेस्की में लोगों की मदद के लिए यूक्रेनी सैनिकों रूस जाने नहीं दे रहा और उनकी नाव को बीच में ही रोका जा रहा है। इससे भूखे, प्यासे और बाढ़ में फंसे लोगों की जिंदगी मुश्किल में फंस गई है। उनके डूबने और भूखों मर जाने का खतरा है।
इस वजह से बांध टूटने के बाद बाढ़ में घिरे रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी शहर ओलेस्की में मदद पहुंचने की रफ्तार बहुत धीमी है। हजारों लोग बिजली, पेयजल, भोजन से वंचित हैं और मदद का इंतजार कर रहे हैं। युद्ध की शुरुआत से पहले नीपर नदी के पार ओलेस्की शहर में 24,000 लोग रहते थे। यूक्रेन के बचावकर्मियों का दावा है कि रूसी सेना उनकी नावों पर कब्जा कर रही है। वहीं, फंसे हुए कुछ नागरिकों का कहना है कि सैनिक केवल रूसी पासपोर्ट वाले लोगों की मदद करेंगे। मदद में जुटे यारोस्लाव वासिलीव ने कहा, ‘‘रूसी सैनिक सुरक्षा चौकियों पर खड़े हैं, (बचाव दल को) सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में जाने से रोक रहे हैं और नावों को अपने कब्जे में ले रहे हैं। वे सभी को शक की नजर से देखते हैं।’’
बाढ़ के पानी में फंसे लोग
माना जा रहा है कि हजारों लोग खेरसॉन क्षेत्र के 600 वर्ग किलोमीटर में फैले बाढ़ के पानी में फंस गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ वाले लगभग दो-तिहाई क्षेत्र रूस के कब्जे वाले इलाकों में हैं। प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोग बिजली, पानी, भोजन से वंचित हैं। लोगों का कहना है कि मदद पहुंचने की रफ्तार बहुत धीमी है। एक महिला ने फोन पर कहा, ‘‘हमें आशंका है हमारी मौत के बारे में भी किसी को पता नहीं चलेगा। हमारे तरफ हर चीज डूबी हुई है।’’ विक्टोरिया मिरोनोवा-बाका ने कहा कि वह जर्मनी से बाढ़ क्षेत्र में फंसे अपने रिश्तेदारों के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे रिश्तेदारों ने बताया कि रूसी सैनिक आज नाव से आए लेकिन उन्होंने कहा कि वे केवल रूसी पासपोर्ट वाले लोगों को ही ले जाएंगे।’’ रूस के कब्जे वाले यूक्रेन क्षेत्र में हालात को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं है। नौकाओं को जब्त किए जाने और केवल रूसी नागरिकों के बचाने के संबंध में स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है।
जेलेंस्की कर चुके बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने क्षति का आकलन करने के लिए बृहस्पतिवार को क्षेत्र का दौरा किया। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की इस समय मॉस्को के कब्जे वाले प्रभावित इलाकों का दौरा करने की कोई योजना नहीं है। रूस द्वारा पिछले साल की शुरुआत में यूक्रेन पर हमला करने के बाद से इस क्षेत्र को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है। इन क्षेत्रों में कई बार लगातार तोपखाने और मिसाइल से हमले किए गए। नवीनतम आपदा मंगलवार को शुरू हुई, जब ओलेस्की से लगभग 80 किलोमीटर ऊपर की ओर कखोवका पनबिजली बांध ढहने से नीपर नदी से पानी का तेज बहाव शुरू हो गया। अधिकारियों का कहना है कि नदी के दोनों किनारों पर दर्जनों जलमग्न शहरों, कस्बों और गांवों से 6,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है। दोनों देशों के अधिकारियों के मुताबिक बाढ़ में करीब 20 लोगों की मौत हुई है, हालांकि स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
पानी के ऊपर बह रहे शव और मकान
ओलेस्की के महापौर येवहेन रिस्चुक ने कहा कि कई शव पानी में बहते नजर आए हैं। अधिकारियों के मुताबिक विभिन्न इलाकों में पानी भरने के कारण कई बेघर हैं, और हजारों लोग पेयजल से वंचित हैं। बाढ़ ने फसलों को बर्बाद कर दिया, बिछाई गई बारूदी सुरंगे भी हर तरफ फैल गई है। पर्यावरण को भी गहरा नुकसान हुआ है और लंबे समय तक बिजली की आपूर्ति पर असर पड़ेगा। रूस की उपेक्षा के कारण बांध भी कमजोर हो गया था और कई हफ्तों तक इससे पानी बहता रहा। पिछले साल फरवरी में हमलों की शुरुआत के बाद से रूस ने इस पर अपना नियंत्रण बना लिया था। त्रासदी और भीषण हो गई है क्योंकि रूस खेरसान के अलावा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी गोले दाग रहा है। यूक्रेन के अधिकारियों के मुताबिक खेरसान में बृहस्पतिवार को गोलाबारी में नौ लोग घायल हो गए। (PTI)
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