लंदन: कोरोना वायरस इंसानों के बीच से जाने का नाम नहीं ले रह है। हर बार कोविड-19 एक नये वेरिएंट के साथ इंसानों पर हमला करता है और पिछली बार से और भी ज्यादा घातक साबित होता है। अब कोरोना का एक और वेरिएंट BF.7 चीन से दुनियाभर में फैला है। लेकिन इस बीच ब्रिटेन ने एक अजीबोगरीब ऐलान कर दिया है। दुनिया एक ऐसे दौर पर खड़ी हैं जहां हमें कोरोना को लेकर वापस अलर्ट होने की जरूरत है, वैसे में ब्रिटेन ने फैसला लिया है कि वह अब कोरोना के आंकड़े बताना बंद कर देगा। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि नए साल से कोरोना के नियमित आंकड़े प्रकाशित करने बंद कर दिए जाएंगे।
वायरल बीमारियों की तरह रखी जाएगी निगरानी
ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने नियमित तौर पर कोविड-19 महामारी के आंकड़े प्रकाशित करना बंद करने के पीछे कारण भी दिया है। उनके अनुसार, ऐसा देखा गया है कि देश के लोग टीकों और दवाओं की मदद से वायरस के साथ जीने के चरण में पहुंच गए हैं, लिहाजा अब आंकड़े प्रकाशित करने की जरूरत नहीं है। ब्रिटेन की ‘‘यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी’’ (यूकेएचएसए) ने कहा कि वह मौसमी फ्लू जैसी अन्य सामान्य वायरल बीमारियों की तरह कोविड की निगरानी जारी रखेगी। इस साल अप्रैल के बाद से, प्रजनन दर, या आर वैल्यू का डेटा एक निगरानी उपकरण के रूप में पाक्षिक रूप से प्रकाशित किया गया है।
6 जनवरी, 2023 से बंद होंगे आंकड़े
‘यूकेएचएसए एपिडेमियोलॉजी मॉडलिंग रिव्यू ग्रुप’ (ईएमआरजी) के अध्यक्ष डॉ. निक वाटकिंस ने कहा, "महामारी के दौरान, आर वैल्यू और वृद्धि दर ने सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्रवाई और सरकार के फैसलों के बारे में जानकारी देने के लिए एक उपयोगी और सरल संकेतक के रूप में कार्य किया।" उन्होंने कहा, "अब जब हम टीके और दवाओं की मदद से कोविड-19 के साथ जीने के चरण में पहुंच गए हैं तो निगरानी कम हो गई है। फिर भी कई अलग-अलग संकेतकों के माध्यम से बारीकी से निगरानी की जाती है, ऐसे में इस विशिष्ट डेटा के प्रकाशन की अब आवश्यकता नहीं है।" ईएमआरजी ने कहा कि उसकी हालिया विस्तृत समीक्षा में निष्कर्ष निकला है कि 6 जनवरी, 2023 से कोविड-19 से संबंधित आंकड़ों का प्रकाशन बंद कर दिया जाएगा।