Sunday, December 22, 2024
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ब्रिटेन में क्रिसमस से पहले हुआ कुछ बड़ा, ऋषि सुनक को मजबूरन बुलानी पड़ी सेना, यहां जानिए वजह

UK Strike: ट्रेड यूनियनों की हड़ताल को देखते हुए ब्रिटेन सरकार ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की जगह देश के 1200 सरकारी कर्मचारियों को तैनात करने की घोषणा की है।

Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Published : Dec 20, 2022 12:01 IST, Updated : Dec 20, 2022 14:59 IST
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक
Image Source : AP ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक

ब्रिटेन में क्रिसमस से पहले ही प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यहां के ट्रेड यूनियन हड़ताल कर रहे हैं। जिसकी सुनक की आलोचना की ओर से आलोचना की गई है। सुनक ने ट्रेड यूनियन की आलोचना की क्योंकि वह क्रिसमस की छुट्टियों के समय हड़ताल कर रहे हैं, जिससे लाखों लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ये हड़ताल आने वाले दिनों में अभी और बढ़ने वाली है। ट्रेड यूनियनों की मांग है कि इनकी सैलरी में इजाफा किया जाए और कार्य करने की स्थिति बेहतर हो, जिसके लिए सरकार ने पहले से ही तैयारी करना शुरू कर दिया है।  

ट्रेड यूनियनों की हड़ताल को देखते हुए ब्रिटेन सरकार ने हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों की जगह देश के 1200 सरकारी कर्मचारियों को तैनात करने की घोषणा की है। सरकार का कहना है कि इससे देश में आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी। इनमें स्वास्थ्यकर्मी, रेलकर्मी और सीमा सुरक्षाकर्मी शामिल होंगे।

पीएम ऋषि सुनक ने लिखा आर्टिकल

पीएम ऋषि सुनक ने एक आर्टिकल लिखकर कर्मचारियों को उचित और किफायती ऑफर देने की बात कही है। यह आर्टिकल 'द सन ऑन संडे' में छपा है। आर्टिकल में यूनियनों पर वर्ग संघर्ष छेड़ने का आरोप लगाया गया है। सुनक ने कहा, 'क्रिसमस के मौके पर ट्रांसपोर्ट हड़ताल पर जाकर यूनियनें लाखों लोगों को परेशान कर रही हैं।' इसमें यह भी कहा गया है कि सरकार ने यूनियन को बार-बार चेतावनी दी है कि वेतन वृद्धि की उनकी मांग को स्वीकार करने से ब्रिटेन महंगाई में फंस जाएगा, जिसका असर गरीबों पर पड़ेगा।

विपक्षी लेबर पार्टी ने भी जताई सहमति

 
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सुनक ने कहा कि विपक्षी लेबर पार्टी का भी मानना ​​है कि यूनियनों की मांगें पूरी नहीं की जा सकतीं। उन्होंने कहा, "हम यह सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ कर रहे हैं कि लोगों को वह मिले जो उन्हें इस क्रिसमस पर मिलना चाहिए। सेना आगे आई है और हम यह सुनिश्चित करने के लिए अन्य उपाय कर रहे हैं कि सेवाएं सुचारू रूप से जारी रहें।” वहीं, कई यूनियनों ने सरकार को यह कहते हुए चेतावनी दी है कि सेना को एंबुलेंस चलाने या देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षित नहीं किया गया है। साथ ही उन्हें किसी मुश्किल स्थिति में नहीं डालना चाहिए।

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