Highlights
- अपने फैसलों से मुश्किल में लिज ट्रस
- जा सकती है पीएम की कुर्सी
- ब्रिटिश पीएम पर लटक रही तलवार
UK Liz Truss: ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। उन्हें जल्द ही अपनी प्रधानमंत्री की कुर्सी भी छोड़नी पड़ सकती है। इस मामले में यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के बायेस बिजनेस स्कूल के विजिटिंग प्रोफेसर मैनेजमेंट प्रैक्टिस स्टीफन स्टर्न का कहना है, नेताओं पर नजर रखी जाती है। उन्हें परखा जाता है। यदि आप जवाबदेह ठहराने के विचार को पसंद नहीं करते हैं और अपने कार्यों के लिए जवाब देना नहीं चाहते हैं, तब नेतृत्व की भूमिका निभाना शायद आपके वश की बात नहीं है। मैं नहीं जानता कि इस तरह के विचार कभी प्रधानमंत्री लिज ट्रस के मन में आये होंगे। लेकिन शायद उन्हें सच्चाई की आहट लगनी शुरू हो गई है।
नेतृत्व के खामोश रहने के लिए उन्होंने गलत समय और जगह चुनी। जब आप एक संगठन को आगे ले जाते हैं, तब व्यापक जिम्मेदारी निभाने के लिए बड़ा पारितोषिक मिलता है। संगठनात्मक जीवन का तथाकथित ‘प्रतियोगिता सिद्धांत’ इस प्रक्रिया को बखूबी बयां करता है। हालांकि, वे पारितोषिक और जिम्मेदारियां आलोचना और संशय का सामना करती हैं। ट्रस नेतृत्व की नाकामी का तेजी से एक ‘केस स्टडी’ बन गई हैं। उनकी बड़ी गलतियां क्या रही हैं? उन्हें अपनी क्षमताओं को लेकर अति आत्मविश्वास है। उन्होंने मुक्त बाजार विचारधारा पर कहीं अधिक जोर दिया है जो उन्हें प्रेरित करता है, लेकिन अन्य को सहमत नहीं करता है। उत्साही थिंक टैंक सिद्धांत जटिल और कम अनुमानित सच्चाई में तब्दील हो गए हैं।
मार्गरेट थैचर से जोड़ा जा रहा नाम
वह अपने दृढ़ रुख की सतही चीजों में यकीन कर मार्गरेट थैचर के प्रधानमंत्री पद पर रहने से जुड़ी कथाओं का हिस्सा बन गई हैं। इन सबसे ऊपर, ट्रस अपने नेतृत्व की कड़वी सच्चाई का सामना करने में नाकाम रही हैं। एक ऐसा कार्य जो अच्छे नेतृत्व के लिए जरूरी माना जाता है। वह और उनके पूर्व वित्त मंत्री को चेतावनी दी गई थी कि इतने बड़े पैमाने पर गैर वित्त पोषित कर कटौती वित्तीय बाजार में काफी घबराहट का माहौल बना देगी। उन्होंने सलाह खारिज कर दी, वित्त विभाग में शीर्ष सिविल सेवक टॉम स्कॉलर को बर्खास्त कर दिया, जिनके पास अच्छा-खास अनुभव था और वह उन्हें अच्छी सलाह दे सकते थे।
ट्रस और क्वासी क्वार्टें ने ‘ऑफिस फॉर बजट रेस्पॉन्सबिलिटी’ का समर्थन लेने से इनकार कर दिया, जबकि इसका गठन बाजार का विश्वास बढ़ाने के लिए उनकी ही कंजरवेटिव पार्टी ने किया था। उन्होंने यह मान लिया कि वह विशेषज्ञों की सलाह खारिज कर सकती हैं।
बलि का बकरा बनाना खराब रणनीति
चांसलर के पद से क्वार्टेंग को बर्खास्त करना, जहां तक राजनीति की बात है सामान्य चीज हो सकती है। लेकिन यह किसी नेतृत्व का कार्य नहीं हो सकता, जो विश्वास और आदर किए जाने की उम्मीद करता हो। क्वार्टेंग ने उनकी नीतियों का समर्थन ही किया था। बर्खास्तगी के बाद हालिया संवाददाता सम्मेलन के दौरान संकेत दिखा कि ट्रस ने यह मानना शुरू कर दिया है कि उनके नेतृत्व से जो उम्मीद की जा रही है उसे पूरा करने में वह बुरी तरह नाकाम हो रही हैं।
उन्होंने (ट्रस ने) शायद, आखिरकार यह महसूस करना शुरू कर दिया है कि उन्होंने जो कल्पना की थी वह जमीनी स्तर पर कितनी कठिन हो गयी है। लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। नेतृत्व वैचारिक प्रयोग के लिए खेल का मैदान नहीं है। उससे योगदान देने की और अपने संगठन को भविष्य की मुश्किलों का सामना करने के लिए बेहतर बनाने की अपेक्षा की जाती है। यह सिर्फ उन पर ही नहीं, बल्कि सब पर लागू होता है। मुझे लगता है कि ट्रस यह सब ज्यादा नहीं समझेंगी और अब उन्हें पद गंवा कर इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है।