Wednesday, December 18, 2024
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एस्टोनिया के एयरस्पेस के पास दिखा रूसी विमान, ब्रिटेन और जर्मनी के फाइटर जेट्स ने संभाली कमान

ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि एस्टोनिया में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के साथ कम्यूनिकेशन नहीं कर पाने के चलते रूसी विमान को एस्कॉर्ट करने के लिए नाटो के दो विमानों को भेजा गया।

Written By: IndiaTV Hindi Desk
Published : Mar 15, 2023 20:38 IST, Updated : Mar 15, 2023 23:54 IST
विमानों की तस्वीर
Image Source : (UK MINISTRY OF DEFENCE) विमानों की तस्वीर

ब्लैक सी के ऊपर रूसी जेट विमानों द्वारा अमेरिकी ड्रोन को मार गिराए जाने की घटना के बाद अब पश्चिमी देश काफी चौकन्ने हो गए हैं। इस बीच एस्टोनिया के एयरस्पेस के करीब रूसी विमान को रोकने के लिए ब्रिटिश और जर्मनी के विमानों ने घेरा बना लिया। यह कवायद रूसी विमान को एस्टोनिया के एयरस्पेस में दाखिल होने और किसी भी तरह के संभावित खतरे को रोकने के लिए की गई। 

रूसी विमान को नाटो के दो विमानों ने रोका

ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि एस्टोनिया में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के साथ कम्यूनिकेशन नहीं कर पाने के चलते रूसी विमान को एस्कॉर्ट करने के लिए नाटो के दो विमानों को भेजा गया। रूस का यह विमान  IL78 मिडास था जो कि हवा से हवा में ईंधन भरने के काम आता है। इसे एस्कॉर्ट करने के लिए ब्रिटेन और जर्मनी के विमानों को भेजा गया। ब्रिटेन और जर्मनी के दोनों लड़ाकू विमान नाटो के एक संयुक्त एयर पुलिसिंग मिशन का हिस्सा थे। मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि सेंट पीटर्सबर्ग और कैलिनिनग्राद के बीच उड़ान भरने वाले IL78 मिडास को रोकना उनके नियमित क्रियाकलाप का एक हिस्सा था।

ब्लैक सी के ऊपर अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया

बता दें कि रूस के एक लड़ाकू विमान ने मंगलवार को काला सागर के ऊपर अमेरिकी निगरानी ड्रोन के प्रोपेलर को निशाना बनाया, जिसके कारण अमेरिकी सेना को अपने ड्रोन को अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में नीचे लाना पड़ा। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को इस घटना के बारे में जानकारी दी। ‘यूएस यूरोपियन कमांड’ ने एक बयान में कहा कि दो रूसी एसयू-27 लड़ाकू विमानों ने काला सागर के ऊपर अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में उड़ रहे एक अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन को ‘‘असुरक्षित एवं गैर पेशेवर तरीके से बाधित किया।’’

 रूसी लड़ाकू विमानों में से एक ने ‘‘एमक्यू-9 के प्रोपेलर को निशाना बनाया, जिससे अमेरिकी सेना को एमक्यू-9 को अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में नीचे लाना पड़ा।’’ इस बीच, रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी ड्रोन रूसी सीमा के पास उड़ान भर रहा था और वह रूसी प्राधिकारियों द्वारा प्रतिबंधित सीमा के रूप में घोषित किए गए क्षेत्र में घुस गया। उसने कहा कि रूसी सेना ने ड्रोन को रोकने के लिए लड़ाकू विमानों को तैनात किया और ड्रोन तेजी से मुड़ने के बाद पानी में गिर गया। 

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