कनाडा में खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत पर आरोप लगाने के लिए प्रधानमंत्री ट्रुडो ने फाइव आईज इंटेलीजेंस नेटवर्क के एक सहयोगी की रिपोर्ट होने का दावा किया है। हालांकि उन्होंने इस नेटवर्क की रिपोर्ट होने का यह दावा सार्वजनिक नहीं किया है। मगर सीबीसी न्यूज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा के पीएम ने फाइव आईज खुफिया नेटवर्क के एक सहयोगी द्वारा प्रदान की गई खुफिया जानकारी और भारतीय अधिकारियों के बीच बातचीत का पता लगने के दावे के भारत पर आरोप लगाया है।
सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए समाचार आउटलेट ने कहा कि कनाडा ने निज्जर की हत्या पर एक महीने की लंबी जांच के दौरान भारतीय अधिकारियों, राजनयिकों के बीच बातचीत और "फाइव आईज खुफिया नेटवर्क के एक अज्ञात सहयोगी द्वारा प्रदान की गई" जानकारी से जुड़ी खुफिया सूचनाएं एकत्र की। फाइव आईज खुफिया नेटवर्क कनाडा के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को मिलाकर बना है। इसकी स्थापना 1946 में हुई थी।
जी-20 से पहले कनाडा के खुफिया अधिकारी कई बार भारत आए
निज्जर की मौत पर कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के आरोपों ने एक बड़े राजनयिक संकट का रूप ले लिया है और नई दिल्ली और ओटावा ने जैसे को तैसा की कार्रवाई करते हुए राजनयिकों को निष्कासित करने और सलाह जारी करने सहित कई कदम उठाए हैं। भारत की ओर से कनाडाई नागरिकों के वीजा जारी करने पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इससे दोनों देशों के संबंध लगातार नाजुक होते जा रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 18 जून, 2023 को सरे में एक सिख मंदिर के बाहर हुई निज्जर की हत्या मामले में कनाडाई अधिकारी कई बार भारत गए। दावे के अनुसार कनाडाई राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार जोडी थॉमस नई दिल्ली में जी-20 से पहले अगस्त के मध्य में 4 दिनों के लिए और सितंबर में पांच दिनों के लिए भारत में थे।
कनाडा ने अब तक नहीं दिया कोई सुबूत
कनाडा ने अपने आरोपों के संबंध में अब तक भारत को कोई सुबूत नहीं दिया है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के बाद, गुरुवार को कनाडाई प्रधानमंत्री ने मीडिया से कहा कि हाउस ऑफ कॉमन्स के पटल पर आरोपों को साझा करने का निर्णय अत्यंत गंभीरता के साथ किया गया था।" खुफिया रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर, उप प्रधान मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सीबीसी न्यूज को बताया कि वह जांच और अपने फाइव आईज भागीदारों के प्रति कनाडा के दायित्वों को जोखिम में डाले बिना टिप्पणी नहीं कर सकती हैं। गौरतलब है कि भारत ने ट्रूडो के दावों को खारिज कर दिया है, उन्हें "बेतुका" कहा है, और कनाडा पर खालिस्तानी आतंकवादियों और भारत विरोधी तत्वों को शरण देने का आरोप लगाया है।
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