पूर्व मैसूर के शास टीपू सुल्तान की कहानी तो आपने सुनी होगी। ब्रिटेन में रखी टीपू सुल्तान की तलवार आज 17 मिलियन डॉलर से अधिक में लंदन में नीलाम कर दी गई। बता दें कि टीपू सुल्तान की 'बेडचैम्बर तलवार' को लंदन में एक नीलामी के दौरान1.4 करोड़ पाउंड (1.7 करोड़ डॉलर) से अधिक में बेचा गया। दुनिया की दुर्लभ कलाकृतियों में से एक के रूप में वर्णित थी। तलवार की बिक्री लंदन में एक निजी स्वामित्व वाली अंतरराष्ट्रीय नीलामी कंपनी बोनहम्स द्वारा आयोजित की गई। मंगलवार को हुई नीलामी में 1.5 मिलियन से 2 मिलियन पाउंड के अनुमान के मुकाबले 14,080,900 पाउंड प्राप्त हुआ।
नीलामी कंपनी ने कहा कि तलवार 4 मई, 1799 को ब्रिटिश सेना द्वारा मारे जाने के बाद टीपू सुल्तान के महल के निजी क्वार्टर में मिली थी। टीपू की मौत के बाद, बोनहम्स के अनुसार, ब्रिटिश मेजर जनरल डेविड बेयर्ड को उनके साहस के प्रतीक के रूप में तलवार भेंट की गई थी। नीलामी कंपनी ने कहा कि तलवार का अत्यंत दुर्लभ सुलेखन मूठ 18वीं शताब्दी के अंत में भारतीय निर्माण की एक उत्कृष्ट कृति है, जो सोने से जड़ा हुआ है। ब्लेड पर अंग्रेजी शिलालेख, संभवत: बेयर्ड या एक वंशज द्वारा जोड़ा गया है, यह बताता है कि कैसे यह टीपू सुल्तान के शयनकक्ष में सेरिंगपटम (अब श्रीरंगपटना) के पतन के बाद पाया गया था और जनरल को उनकी जीत की ट्रॉफी के रूप में प्रस्तुत किया गया था।
लड़ते हुए लंदन में मारा गया था सुल्तान
टीपू को 4 मई 1799 को मारा जा चुका था। ब्लेड की रीढ़ पर, सोने का शिलालेख 'शमशीर-ए मलिक' या 'राजा की तलवार' लिखा गया है। सीएनएन ने बोन्हाम्स में इस्लामी और भारतीय कला के समूह प्रमुख नीमा सागरची के बयान के हवाले से कहा, तलवार का एक असाधारण इतिहास, एक आश्चर्यजनक उद्गम और बेजोड़ शिल्प कौशल है। उन्होंने कहा,यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि बोली लगाने वालों में गर्मजोशी से मुकाबला हुआ। हम परिणाम से खुश हैं। बोनहम्स के सीईओ ब्रूनो विंसीगुएरा के अनुसार, शानदार तलवार टीपू सुल्तान से जुड़े सभी हथियारों में सबसे महान है, जो अभी भी निजी हाथों में है। उन्होंने कहा, सुल्तान के साथ इसका घनिष्ठ व्यक्तिगत संबंध, जिस दिन इसे पकड़ा गया था, उसके त्रुटिहीन उद्गम स्थल और इसके निर्माण में लगे उत्कृष्ट शिल्प कौशल ने इसे अद्वितीय और अत्यधिक वांछनीय बना दिया।